सीमांचल में बढ़ता जा रहा घुसपैठियों का दबदबा, इस पंचायत में 20 साल में 15 गुना हुई मुस्लिम वोटरों की संख्या
किशनगंज बिहार का मुस्लिम बहुल इलाका घुसपैठ की समस्या से जूझ रहा है। पिछले छह महीनों में 25 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं। जिले की 68% आबादी मुस्लिम है और शेरशाहवादी समुदाय की आबादी में वृद्धि हो रही है। एसआईआर के बाद निवास प्रमाण पत्र के आवेदनों में वृद्धि हुई है जिससे फर्जी दस्तावेजों के सहारे मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की आशंका जताई जा रही है।

जागरण संवाददाता, किशनगंज। बिहार में सबसे अधिक मुस्लिम बाहुल्य इलाका किशनगंज है। नेपाल, बंगलादेश व पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा यह इलाका घुसपैठियों से जूझता रहा है। पिछले छह माह में यहां 25 से अधिक बंगलादेशी नागरिक को विभिन्न सीमावर्ती इलाकों के साथ ही शहरी इलाकों से पकड़ा गया।
इनमें से तीन के पास भारतीय आधार कार्ड भी बरामद हुए। पकड़े गए घुसपैठिए में एक ने तो भारत में जमीन तक खरीद ली। जिले की मुस्लिम आबादी 68 फीसद है। जबकि हिंदूओं की आबादी 32 फीसद है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सह बीस सूत्री उपाध्यक्ष सुशांत गोप ने बताया कि यहां मुस्लिम समुदाय में शेरशाहवादी की आबादी में लगातार इजाफा हो रहा है। बताया कि दिघलबैंक का एक पंचायत लक्ष्मीपुर है जहां 20 वर्ष पहले मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब दो सौ थी। लेकिन इन 20 वर्षों में यह बढ़कर करीब तीन हजार हो गई है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय की आबादी अधिक रहने के बाद भी इस जिला के शांत रहने की वजह यह है कि यहां बाहरी को संरक्षण देकर यहां बसा दिया जाता है। भाजपा नेता वरूण कुमार कहते हैं कि एसआईआर में एक लाख 46 हजार लोगों के नाम कटे हैं। इनमें मुस्लिम समुदाय की संख्या 80 फीसद होगी।
भाजपा के चुनाव प्रबंधन विभाग के प्रमंडलीय प्रभारी देवेंद्र कुमार केसरी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर यह शिकायत की थी कि बहुतायत संख्या में बांग्लादेशी रोहिंग्या, शेरशाहवादी आदि अवैध घुसपैठिए द्वारा गलत व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में नाम शामिल करवाया जा रहा है।
भाजपा नेता की शिकायत से इतर एसआईआर शुरू होने के बाद यहां करीब साढ़े तीन लाख लोगों ने निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन जमा किया है। जिससे यह संभावना है कि इनलोगों के पास मतदाता सूची के वैकल्पिक दस्तावेज के कागजात नहीं थे। आवेदकों में सबसे अधिक मुस्लिम समुदाय के ही लोग हैं।
इसी बीच फर्जी निवास प्रमाण पत्र का भी खुलासा यहां इन दिनों हो चुका है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेज के सहारे लोग मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करना चाहते थे।
पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि आरक्षण का लाभ लेकर शेरशाहवादी समुदाय के लोग शिक्षक बने और अब बीएलओ बनकर फर्जी तरीके से नाम मतदाता सूची में जुड़वाना चाहते हैं।
हालांकि इसका प्रतिकार शेहशाहवादी समुदाय के लोगों ने सम्मेलन कर किया था। पूरे मामले में यह सामने आया है कि जिले में मुस्लिम की आबादी पहले के तुलना में बढ़ी है।
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