मुसलमानों की Family Planning, 70 फीसद मुस्लिम आबादी वाले किशनगंज में धड़ाधड़ परिवार नियोजन... बिहार में आया दूसरे नंबर पर
Family planning in Muslims: 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले बिहार के किशनगंज जिले ने इतिहास रच दिया है। फैमिली प्लानिंग यथा परिवार नियोजन में बिहार में दूसरा स्थान हासिल करने का गौरव किशनगंज के खाते में दर्ज हुआ है। इसका सीधा मतलब है कि बेतरतीब आबादी बढ़ाने के लिए बदनाम हो रहे मुसलमान भी अब अपने परिवार को सीमित रखने के बारे में संजीदगी से सोच रहे हैं। परिवार नियोजन में वर्ष 2024-25 में बिहार में 19वें स्थान पर काबिज किशनगंज अक्टूबर 2025 में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।

Family planning in Muslims: फैमिली प्लानिंग में 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले बिहार के किशनगंज जिले ने इतिहास रच दिया है।
संवाद सहयोगी, किशनगंज। Family planning in Muslims 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले बिहार के किशनगंज जिले ने फैमिली प्लानिंग यथा परिवार नियोजन में बिहार में दूसरा स्थान हासिल किया है। इसका सीधा मतलब है कि मुसलमान भी अब अपने परिवार को सीमित रखने के बारे में संजीदगी से सोच रहे हैं। परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का माध्यम नहीं बल्कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, महिला सशक्तिकरण और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति का अहम स्तंभ है। इस दिशा में किशनगंज जिले ने एक बार फिर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2024-25 में जहां यह जिला बिहार में 19 वें स्थान पर था। वहीं जुलाई 2025 तक चौथे और अक्टूबर 2025 में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। यह जानकारी सिविल सर्जन डा. राज कुमार चौधरी ने दी।
उन्होंने कहा कि फैमिली प्लानिंग रोप इंडिकेटर्स के अनुसार जिले ने स्टरलाइजेशन, पीपीआइयूसीडी, इंजेक्टेबल एमपीए और सुविधाओं की सक्रियता जैसे सभी चार संकेतकों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यह सफलता जिले की स्वास्थ्य टीम, आशा कार्यकर्ताओं, फैसिलिटेटर्स और सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इस सफलता के पीछे सटीक रणनीति, निरंतर निगरानी और नियमित रिपोर्टिंग प्रणाली की बड़ी भूमिका रही। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन में पीएसआई इंडिया के सहयोग से उन उप स्वास्थ्य केंद्रों पर फोकस किया गया।
सिविल सर्जन ने बताया कि जहां परिवार नियोजन सेवाएं तो दी जा रही थीं। लेकिन रिपोर्टिंग कमजोर थी। नियमित मानिटरिंग, प्रशिक्षण और फालो-अप की व्यवस्था से रिपोर्टिंग मजबूत हुई। परिवार नियोजन से जुड़ी सभी कमोडिटीज़ की रिपोर्टिंग अब एफपीएलएमआइएस प्लेटफार्म पर नियमित और सटीक रूप से की जा रही है। किशनगंज अब बिहार में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। यह आशा कार्यकर्ताओं, फैसिलिटेटर्स और हमारी पूरी स्वास्थ्य टीम के समर्पण का परिणाम है। परिवार नियोजन कार्यक्रम का असली आधार आशा और आशा फैसिलिटेटर्स ही हैं। उनकी मेहनत से ही रिपोर्टिंग प्रणाली में पारदर्शिता आई और पात्र दंपतियों को सही समय पर सेवाएं मिल सकीं।
सिविल सर्जन ने बताया कि जब हर परिवार नियोजित और स्वस्थ होगा। तभी जिला और राज्य प्रगति करेंगा। हमारी प्राथमिकता पारदर्शिता और पात्र परिवारों तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। जिले की इस उपलब्धि में सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के श्रीनाथ साहा एवं जिला समन्वयक अमलेश कुमार एवं जन जागरुकता के लिए सिफार संस्था की भूमिका सराहनीय रही। इस संस्था ने डेटा रिपोर्टिंग, क्षमता निर्माण और हेल्थ फैसिलिटीज़ के सक्रिय संचालन में तकनीकी सहयोग दिया। संस्थान के सहयोग से अब एफपीएलएमआइएस पोर्टल पर सभी सुविधाएं सक्रिय रूप से पंजीकृत हैं और स्टाक इंडेंटिंग एवं रिपोर्टिंग दोनों सटीकता से हो रही हैं। इसके परिणामस्वरूप परिवार नियोजन कमोडिटीज़ की उपलब्धता और सेवा वितरण में निरंतर सुधार दर्ज हुआ है।
सतत प्रयास से नई ऊंचाई की ओर
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने कहा कि यह प्रदर्शन अब पूरे बिहार के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है। यहाँ की टीम भावना, आशा कार्यकर्ताओं का समर्पण, फैसिलिटेटर्स का सहयोग और संस्थागत प्रतिबद्धता ने यह संभव किया। भविष्य में सतत निगरानी और नियमित रिपोर्टिंग से जिले की स्थिति और बेहतर हो सकती है। इस उपलब्धि से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी, महिलाओं की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी।दूसरे स्थान तक पहुँचना केवल आँकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि यह समाज में परिवार नियोजन और स्वास्थ्य जागरूकता की नई सोच का प्रतीक है।

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