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    Cyber Fraud: साइबर बदमाशों की नई चाल, केस पैरवी के नाम पर थानाध्यक्ष बनकर मांग रहे पैसे

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 02:53 PM (IST)

    किशनगंज के ठाकुरगंज में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। वे थानाध्यक्ष के नाम से केस से जुड़े पीड़ितों को फोन कर पैसे मांग रहे हैं। पैसे ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया और गंभीर तरीका अपनाया है। साइबर ठग अब थानाध्यक्ष के नाम और पद का दुरुपयोग कर केस से जुड़े पीड़ितों को अपना निशाना बना रहे हैं। जानकारी के अनुसार, साइबर अपराीध खुद को ठाकुरगंज थानाध्यक्ष बताकर फोन कर रहे हैं। फोन करने वाला व्यक्ति यह कहता है कि केस से निकलना है या मामले में राहत चाहिए तो तुरंत पैसे भेजने होंगे। यदि राशि शीघ्र जमा कर दी जाती है, तो मामले में त्वरित कार्रवाई होगी।

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    कई मामलों में ठग भय का माहौल बनाकर यह भी कहते हैं कि रुपये नहीं देने पर केस कमजोर कर दिया जाएगा या जांच में देरी हो सकती है। साइबर अपराधी वादी के वॉट्सऐप पर स्कैनर और मोबाइल नंबर भेजने की बात कहकर उस पर राशि ट्रांसफर करने का दबाव बनाते हैं। कई मामलों में पीड़ितों को पुलिस कार्रवाई का डर दिखाकर जल्दबाजी में पैसे भेजने के लिए मजबूर करने की कोशिश की गई।

    जिले में साइबर ठगों का संगठित गिरोह सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। ये ठग लोगों को ठगने के लिए लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं और अब पुलिस अधिकारियों की पहचान का सहारा लेकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इससे पुलिस की साख को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।

    इस संबंध में ठाकुरगंज थानाध्यक्ष मो मकसूद आलम अशरफी ने बताया कि ऐसे तीन मामले उनके संज्ञान में आए हैं। इनमें मामला रेशमा खातून, दूसरा अली राजा तथा तीसरा तंजीरा खातून का है। तीनों ने थाने में पहुंच कर बताया कि साइबर ठगों ने थानाध्यक्ष बनकर फोन किया और केस की पैरवी के नाम पर पैसों की मांग की। हालांकि, समय रहते सतर्कता बरतने से बड़ा नुकसान होने से बच गया।

    थानाध्यक्ष मो. मकसूद आलम अशरफी ने स्पष्ट किया कि पुलिस कभी भी फोन पर स्कैनर भेजकर या निजी खाते में पैसे जमा कराने की मांग नहीं करती है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी बताकर फोन करे और पैसे की मांग करे, तो उस पर विश्वास न करें। ऐसे मामलों में तुरंत संबंधित थाने में संपर्क कर फोन काल की सत्यता की जांच करें।

    थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी साइबर थाना को दी जाएगी ताकि साइबर ठगों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।

    बताते चलें कि बिहार पुलिस ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह संदेश भी दिया है कि ऑनलाइन दुनिया में सतर्क रहें और सुरक्षित रहें। किसी भी साइबर धोखाधड़ी की सूचना तुरंत 1930 पर दें या साइबर ठगी से संबंधित कोई भी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के वेबसाइट पर भी कर सकते है।