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    समाज सेवा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए मिशाल कायम कर रही शिखा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 18 Oct 2020 11:54 PM (IST)

    मधेपुरा। मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता ह

    समाज सेवा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए मिशाल कायम कर रही शिखा

    मधेपुरा। मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस वाक्य को सही मायने में चरित्रार्थ कर रही है सिंहेश्वर की शिखा कुमारी। सिर्फ पुरुष ही समाजसेवा में अपना योगदान दे सकते हैं। इस मिथक को तोड़कर शिखा लगातार समाज सेवा में जुटी है। सिंहेश्वर प्रखंड के पुरुषोत्तम अग्रवाल व किरण देवी की सुपुत्री शिखा कुमारी मधेपुरा में सामाजिक कार्य विषय से स्नातक व इंदिरा गांधी खुला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। स्नातक की पढ़ाई के दौरान पहले वर्ष में ही इसने एक्शन एड पटना के साथ मिलकर राइट टू एजुकेशन पर, दूसरे वर्ष में हेल्प ए चाइल्ड ऑफ इंडिया के साथ एडल्ट लिटरेसी प्रोग्राम व अंतिम वर्ष में क्लीन इंडिया मिशन पर कार्य किया। इसके बाद से यह कारवां लगातार आगे बढ़ रहा है। अब तक शखा राज्यकीय व राष्ट्रीय स्तर पर करीब 25 से भी अधिक सामाजिक संस्थाओं के साथ कार्य कर लगातार आगे बढ़ रही है। साथ ही अब तक समाज सेवा के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के साथ-साथ 60 से अधिक लड़कियों व महिलाओं को समाज सेवा के प्रति जागरूक की है। इसमें एक दर्जन सक्रियता के साथ समाज सेवा में जुटी है। 55 यूनिट रक्तदान करवा चुकी हैं शिखा जिले में ब्लड बैंक में रक्त की अनुपलब्धता पर जरूरतमंदों की सहायता के लिए शिखा लगातार लोगों को प्रेरित करती हैं। अब तक 55 यूनिट से ज्यादा रक्तदान करवा कर लोगों की सहायता की है। इसके अलावा किसी भी अवसर पर रक्तदान के लोगों में जागरूकता भी फैला रही है। रक्तदान करने से लोगों को इससे होने वाले लाभ के बारे में बताकर ग्रामीण स्तर पर लोगों में जागरूकता फैलाकर जरूरतमंदों की सहायता कर रही है। वहीं जिले में सोशल मीडिया के सहारे लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण सहित अन्य विषयों पर जागरूकता फैला रही है। इसके अलावा स्थानीय व क्षेत्रीय समस्याओं के प्रति अधिकारियों को ध्यान आकृष्ट कराना, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षा व शिक्षा के साधन मुहैया कराना, पर्यावरण संरक्षण, भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता अभियान व आपदा काल में जरूरतमंद लोगों की सहायता करना सहित अन्य कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज कराती आ रही है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान भी कई संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को फूड पैकेट व अन्य प्रकार से सहायता की। वर्तमान में शिखा वन ऑवर एक प्रयास के तहत जिले भर के जरूरतमंद लोगों की सहायता में जुटी है।

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    दर्जनों बार हो चुकी हैं सम्मानित समाजसेवा के साथ-साथ शिखा साहित्यिक सरोकार में भी आगे बढ़ रही है। इसकी साझा काव्य संग्रह भी प्रकाशित हो चुकी है। जिले के कई मंचों पर काव्य प्रस्तुति दे चुकी है। साथ नाट्यकला में रुचि रखने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई। इसके लिए जिलाधिकारी के द्वारा सम्मानित भी किया गया। वहीं शिक्षा के उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा कई अन्य सामाजिक संस्था के द्वारा भी सम्मानित किया गया है। शिखा ने बताया कि समाज सेवा में हमेशा पुरुष वर्ग के ही आगे रहने का मिथक था। लेकिन अब लड़कियों भी इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर उस मिथक को तोड़ रही है। महिलाएं को इस क्षेत्र में आगे आने में समाज की कई परेशानियों से गुजरना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद भी महिलाएं समाज सेवा व इस प्रकार की गतिविधियों में काफी सक्रियता से भाग ले रही हैं।