Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनाव से ठीक पहले, क्याें भड़क रहे बिहार के ये मुसलमान, कौन किसको कर रहा टारगेट... आप भी जानिए

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 02:19 AM (IST)

    Bihar News बिहार के सीमांचल में मुसलमान गुस्से में हैं। किशनगंज में शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद बड़ी संख्या में हाथ में तख्तियां लेकर सड़क पर उतरे मुसलमानों ने कहा कि यह विरोध उन नापाक ताकतों के खिलाफ है जो शान में गुस्ताखी कर रहे हैं और समाज में नफरत फैलाने की साजिश रच रहे हैं।

    Hero Image
    Bihar News: बिहार के सीमांचल में मुसलमानों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया।

    संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। Bihar News शुक्रवार को नमाज़-ए-जुमा के बाद ठाकुरगंज स्थित नूरी जामा मस्जिद, पेट्रोल पंप चौक के बैनर तले एक प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अशिक़-ए-रसूल हाथों में आई लव मोहम्मद लिखी तख्तियां लिए हुए शामिल हुए और पैगंबर मोहम्मद की शान में नारे बुलंद किए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौलाना शफी अहमद सादी ने कहा कि आज का यह दृश्य इस बात की गवाही है कि दुनिया की कोई भी शक्ति मुसलमानों के दिलों से पैगंबर मोहम्मद के प्रति मोहब्बत और सम्मान को खत्म नहीं कर सकती। यह विरोध उन नापाक ताकतों और तत्वों के खिलाफ है, जो पैगंबर साहब की शान में गुस्ताखी कर रहे हैं और समाज में नफ़रत फैलाने की साज़िश कर रहे हैं।

    उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने पूरी दुनिया को अमन, भाईचारा और इंसानियत का पैगाम दिया है। इस्लाम शांति और सुरक्षा का धर्म है, और इसके मानने वाले हर प्रकार की हिंसा और भ्रष्टाचार से दूर रहते हैं। इसके बावजूद कुछ असामाजिक और नफरत फैलाने वाले लोग स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर किसी विशेष धर्म को टारगेट कर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।

    मौलाना शफी अहमद ने कहा कि यह न केवल धार्मिक भावनाओं पर हमला है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। उन्होंने हुकूमत से मांग की कि ऐसे नफ़रत फैलाने वाले और माहौल बिगाड़ने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। मौजूद अन्य वक्ताओं ने भी एक सुर में कहा कि मुसलमान अपनी जान, माल कुर्बान कर सकते हैं, लेकिन पैगंबर मोहम्मद की तौहीन बर्दाश्त नहीं कर सकते।

    इस मौके पर कारी ज़ुल्फ़िकार अहमद, कारी शोएब बरकाती, कारी अब्दुल कय्यूम नूरी, हाफ़िज़ हाशिम, कारी हसन मंजर, मौलाना शमशेर रजा, कारी ग़ुलाम हसन, मुखिया प्रतिनिधि सोहेल अख़्तर सोहेल, मोहम्मद हारून समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

    प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा। अंत में उपस्थित लोगों ने सरकार से अपील की कि देश में सांप्रदायिक नफ़रत और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों पर तुरंत अंकुश लगाया जाए, ताकि देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक सौहार्द बना रहे।