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    Bihar News: एक ही गांव के चार अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में लहराया परचम, यहां इक्के-दुक्के ही हैं ग्रेजुएट लोग

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 21 Oct 2023 03:55 PM (IST)

    BPSC Result 2023 किशनगंज जिले के हरभिट्टा गांव के चार अभ्यर्थियों ने एक साथ बीपीएससी परीक्षा पास कर गांव का नाम रोशन किया है। इस गांव का नाम लेना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि यह गांव शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। यहां ग्रेजुएट लोग इक्के-दुक्के ही मिलते हैं। हालांकि अब लोगों का नजरिया बदल रहा है।

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    एक ही गांव के चार अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में लहराया परचम

    जागरण संवाददाता, किशनगंज। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव हरभिट्टा से एक साथ चार अभ्यर्थियों ने बीपीएससी परीक्षा पास कर परचम लहराया है। एक ही गांव के चार अभ्यर्थियों के परीक्षा पास करने पर लोगों में भी काफी खुशी है।

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    दरअसल, सतकौआ पंचायत का हरभिट्टा गांव काफी पिछड़ा इलाका है। इस इलाके में ग्रेजुएट लोग इक्के-दुक्के ही मिलते हैं, लेकिन अब शिक्षा की स्थिति में सुधार के साथ नौकरी में जाने से गांव के लोग अपने बच्चे को भी पढ़ाने के बारे में सोचने लगे हैं।

    एक नहीं, चार अभ्यर्थियों ने पास की परीक्षा

    कुछ मीडिया रिपोर्टस में कहा गया कि किशनगंज के हरभिट्टा गांव में आजादी के बाद से किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी। दावा किया गया कि पहली बार बतौर शिक्षक मनोज नामक शख्स सरकारी नौकरी जॉइन करेंगे। हालांकि, ऐसा नहीं है। मनोज ने अवश्य ही परीक्षा पास की है, लेकिन मनोज के साथ फेमी कुमारी, अंजू कुमारी और जन्मजय सिंह ने भी परीक्षा पास की है।

    करीब एक दर्जन अभ्यर्थियों ने भरे थे फॉर्म

    जानकारी के अनुसार, बीपीएससी की तरफ से आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा के लिए करीब एक दर्जन अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे। इनमें से हरभिट्टा गांव के मनोज कुमार सिंह पिता धुशन प्रसाद सिंह, फेमी कुमारी पिता स्व. रामानन्द सिंह, अंजू कुमारी पिता रमेश दास और जन्मजय सिंह पिता शिव चरण सिंह ने सफलता अपने नाम की है।

    सभी एक ही गांव के निवासी हैं। इस सफलता के बाद गांव के बुद्धिजीवि लोगों का कहना है कि क्षेत्र में शिक्षा को लेकर लोग सजग हुए हैं। गांव के लोग अपने बच्चे को बड़े होने पर पढ़ाई नहीं कराकर सीधे रोजगार के लिए दिल्ली, पंजाब भेज दिया करते हैं, लेकिन अब पढ़ाई से जोड़ रहे हैं तो नतीजा सफलता का सामने आ रहा है।

    सतकौआ पंचायत के मुखिया आशा देवी ने बताया की क्षेत्र के अभ्यर्थियों की सफलता यह प्रदर्शित कर रही है कि क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगी है। शिक्षक बने पंचायत के सभी शिक्षकों को बधाई, ताकि वह अपने स्कूल के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के साथ अपने समाज के लिए भी कुछ बेहतर करें।

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