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    Bihar Election: कांग्रेस के गढ़ में राजद की किलाबंदी, VIP भी भर रही हुंकार; दिलचस्प होगा मुकाबला

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 01:47 AM (IST)

    किशनगंज के बहादुरगंज सीट पर महागठबंधन के दो दल कांग्रेस और राजद चुनाव से पहले ही आमने-सामने हैं। कांग्रेस इस सीट को अपना गढ़ मानती है लेकिन 2020 में एआईएमआईएम ने जीत हासिल की थी। अब अंजार नईमी राजद में शामिल हो गए हैं जबकि पूर्व विधायक तौसीफ आलम एआईएमआईएम में हैं। वीआईपी भी महागठबंधन में शामिल है जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई प्रतीकात्मक तस्वीर। (जागरण)

    चन्द्रभूषण सिंह, बहादुरगंज (किशनगंज)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अधिसूचना से पहले ही सीटों पर दावेदारी को लेकर महागठबंधन के दो प्रमुख दल आमने-सामने आ गए हैं।

    चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। बहादुरगंज विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। अब तक हुए 15 विधानसभा चुनाव व एक उप चुनाव में से 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है।

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    मोहम्मद तौसीफ आलम 2005 से 2015 तक लगातार चार बार कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाए। परन्तु 2020 के विधानसभा चुनाव में परिवर्तन के लहर में ऑल इण्डिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के मोहम्मद अंजार नईमी ने एनडीए के घटक दल रहे विकासशील इंसान पार्टी के लखन लाल पंडित को 45215 मतों के अन्तर से हराकर कांग्रेस के गढ़ को तोड़ दिया।

    राजद में शामिल हो गए अंजार नईमी

    कांग्रेस के प्रत्याशी मोहम्मद तौसीफ आलम तीसरे स्थान पर रहे। परन्तु बाद में अंजार नईमी एआईएमआईएम से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हो गये। जबकि कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम एआईएमआईएम से जुड़कर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुए है।

    बहादुरगंज विधानसभा सीट से भाजपा, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, जनता दल और जनता पार्टी के प्रत्याशी भी एक एक बार चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी बाजी जीत के इतिहास के पन्ने में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

    परन्तु राजद व जदयू अब तक कभी भी बहादुरगंज विधानसभा सीट जीतने में सफल नहीं हुई। वैसे एआईएमआईएम के चुनाव चिह्न पर जीते अंजार नईमी पार्टी से इस्तीफा देकर राजद में शामिल होकर उसका प्रतिनिधित्व अवश्य कर रहे हैं।

    मगर राजद को बिना चुनावी सफलता मिले ही बहादुरगंज विधानसभा सीट तोहफा के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल गया। वर्तमान राजद विधायक अंजार नईमी क्षेत्र में किये विकास कार्य व कुशल व्यवहार के बल पर राजद की ओर से महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने के उद्देश्य से जनसम्पर्क अभियान में जुटे हुए हैं।

    वीआईपी पार्टी भी भर रही हुंकार

    वहीं, महागठबंधन के एक अन्य घटक दल कांग्रेस माई बहिन मान योजना को लेकर कांग्रेस के गढ़ बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में जन सम्पर्क अभियान चलाकर फिर से कांग्रेस सीट की दावेदारी कर रहे हैं। जबकि पिछली बार एनडीए के घटक दल के रूप में रहे वीआईपी पार्टी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे।

    जो इस बार महागठबंधन के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से किस पार्टी के और कौन प्रत्याशी होते हैं।