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    बांग्लादेश का मु. मानिक भारत में बन गया रतुल खान, फर्जी आधारकार्ड से हुआ खुलासा; एक ने बिहार में खरीदी है जमीन

    किशनगंज में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला सामने आया है जहां कई लोग फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से कुछ ने यहां जमीन भी खरीद ली है। एसएसबी बीएसएफ और पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन घुसपैठ जारी है। हाल ही में कई लोगों को फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया है जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

    By Shailesh Bharti Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 28 Aug 2025 03:40 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    अमरेंद्र कांत, किशनगंज। भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों से बांग्लादेशियों के घुसपैठ होने की बात अक्सर सामने आती रही है।

    पिछले छह माह में 25 से अधिक घुसपैठिए को बीएसएफ, एसएसबी, जिला पुलिस व आरपीएफ ने गिरफ्तार किया। इनमें से कई ऐसे थे जो वर्षों से भारत में रह रहे थे।

    जबकि हाल के दिनों में तीन बांग्लादेशी नागरिक के पास से भारतीय आधार कार्ड भी बरामद हुआ है। एक बांग्लादेशी नागरिक ने तो भारत में जमीन तक खरीद कर ली है।

    24 अगस्त को एसएसबी ने पानिटंकी नेपाल बॉर्डर पर सीमा पार करने की फिराक में जुटे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था। पकड़ाए बांग्लादेशी का मोहम्मद मानिक (35) आदित्यमारी, लालमानिर, रंगपुर बांग्लादेश का रहने वाला था।

    इसके पास से एक फर्जी भारतीय आधार कार्ड बरामद किया है। जिसमे उसका नाम रतुल खान व पता बंगाल का मेदनीपुर था। उसने बताया कि एजेंट के माध्यम से सात हजार रुपये में आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनवाया था।

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    इसी तरह, 26 अगस्त को भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए।

    पूछताछ में उसने पहले अपना नाम अर्घो बर्मन बताते रहा, लेकिन जब सख्ती बरती गई तो उसने बताया कि वास्तविक नाम अरुण कांति राय, पिता प्रफुल्ल बर्मन, निवासी जिला लालमोनिरहाट, बांग्लादेश है।

    गिरफ्तार व्यक्ति के पास से भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र की प्रतियां, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज समेत 14 संदिग्ध कागजात बरामद किया गया।

    इनमें से कई दस्तावेज भाबेश बर्मन नामक व्यक्ति और उसके स्वजनों के नाम पर जारी पाए गए। पूछताछ में अरुण कांति राय ने स्वीकार किया कि वह तीन वर्ष पूर्व अवैध रूप से भारत आये थे।

    भाबेश बर्मन नामक व्यक्ति ने उसे यहां रहने में मदद की। बाद में उसने उन्हीं के पहचान प्रमाणों का उपयोग कर फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार कराए। यही नहीं उसने यहां जमीन भी खरीद ली।

    15 जुलाई को पानीटंकी में नेपाल बॉर्डर के समीप एसएसबी ने सुकुमार सील नामक बंगलादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया गया था। वह सुकुमार शर्मा बनकर भारत में रह रहा था।

    लगातार पकड़े जा रहे बंगलादेशी नागरिक

    बीएसएफ, एसएसबी व बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। कई बांग्लादेशी नागरिक को कुछ माह में पकड़ा गया है। तीन अगस्त को बांग्लादेशी नागरिक नूर हौसेन खोंडोकर व फारुख अरमान को गिरफ्तार किया गया था।

    उसने बताया कि एजेंट के माध्यम से पहले ढ़ाका से काठमांडु पहुंचे और वहां से भारत आए। एजेंट ने रोमानिया भेजने के नाम पर 12 लाख की मांग की थी। इसी तरह राजस्थान में मजदूरी कर लौट रहे नौ बांग्लादेशी नागरिक को बीएसएफ के जवानों ने पकड़ा था।

    किशनगंज शहर के कालू चौक के समीप से सैफुल नामक एक व्यक्ति को फरवरी माह में पकड़ा गया था। मई माह में किशनगंज पुलिस ने एक बांग्लादेशी दंपती शकीउल इस्लाम व उनकी पत्नी समेत दो बच्चों को पकड़ा गया था। वह पांच वर्षों से हरियाणा में रह रहा था।

    जिसके बाद वहां से लौटकर नेपाल भागने के फिराक में था। इसी तरह आरपीएफ ने 18 जनवरी को किशनगंज स्टेशन से चार बांग्लादेशी नागरिक रोबिन, सुमन दास अन्य पकड़ा था। सीमा पर तैनात सुरक्षा बल व पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में प्रवेश कर रहे हैं।