गरीबों के रहनुमा थे पैगम्बर मोहम्मद साहब
किशनगंज। इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म दिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता
किशनगंज। इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म दिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है। रबीउल अव्वल महीने की 12वीं तारीख को पैगम्बर मोहम्मद सल्ल्लाह-ओ- वसल्लम का जन्म दिन मनाया जाता है। पैगम्बर मोहम्मद सल्ल्लाह-ओ- वसल्लम का जन्म 571 ई. मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था। जिनकी याद में देश भर में 12 रबीउल अव्वल तारीख को जुलूस निकाल कर दुआओं का दौर चलता है। लिहाजा उनके जन्म दिन पर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय जुलूस निकाल कर पैगम्बर मुहम्मद के बताए रास्ते पर अमल करने का संकल्प लेते हैं। पैगम्बर मोहम्मद सल्ल्लाह-ओ- वसल्लम का जन्म 571 ई. में मक्का में हुआ था। उन्हें 610 ई. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। नौ वर्ष की उम्र में वह अपने चाचा के साथ व्यापार के लिए जाना शुरू कर दिए थे। इन यात्राओं के दौरान वे लोगों से मिलते और उनके विचारों से परिचित होते थे। 25 वर्ष की उम्र में उनकी शादी हुई। पैगंबर मोहम्मद साहब कभी अकेले नहीं खाते थे। वह पहले भोजन पर लोगों को आमंत्रित करके बुलाते। उसके बाद उनके साथ ही भोजन किया करते थे। समाज की भलाई के लिए मोहम्मद साहब लोगों को इस्लाम का उपदेश देने के साथ अल्लाह के संदेशों का जन-जन तक फैलाने लगे।
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