एक बार फिर पूर्वी ठाठा में पसरा दहशत का चादर
खगड़िया । मानसी का पूर्वी ठाठा गांव राष्ट्रीय उच्च पथ 31 के किनारे बसा हुआ है। जहां आपसी

खगड़िया । मानसी का पूर्वी ठाठा गांव राष्ट्रीय उच्च पथ 31 के किनारे बसा हुआ है। जहां आपसी रंजिश में डेढ़ साल के दौरान आठ लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई है। फरवरी 2020 में वर्चस्व को लेकर पूर्व मुखिया विजेंद्र यादव, अमोद यादव समेत पांच की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब पूरा प्रदेश सिहर उठा था। उसके बाद सुल्तानगंज में भी आपसी रंजिश में एक की हत्या कर दी गई थी। जेल में बंद विनोद यादव की गिरफ्तारी पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। एसटीएफ व जिला पुलिस ने उसे कई महीना बाद मधेपुरा से गिरफ्तार किया। उक्त गांव में पुलिस कैंप स्थापित किया गया। बछौता में हुई चाचा- भतीजा की हत्या का कारण भी पूर्वी ठाठा गांव के दो धूर जमीन पर अवस्थित एक कमरे के विवाद को लेकर घटी। 2020 की घटना में एक दर्जन से अधिक को जेल भेजा गया। उस समय उस गांव की हालत काफी खराब थी और शाम होते ही लोग दरबाजे बंद कर लेते थे। इसी विवाद को लेकर एक चीमनी पर भी आगजनी व गोलीबारी की घटना घटी थी। हालत इतने खराब थे कि पुलिस के सामने भी दो पक्षों में गोलीबारी हो जाती थी। बताया जाता है कि आपराधिक वारदात को लेकर कई परिवार गांव को छोड़ दिए थे। कोई गांव में किसी पक्ष से बातचीत भी करने से परहेज करता था। कोई पक्ष के लोग देख न ले और उसको भी टारगेट न कर दे। मास्टर माइंड विनोद यादव, सुमित यादव समेत अन्य की गिरफ्तारी के बाद उक्त गांव में अमन चैन स्थापित होने के संकेत जगे थे। मगर डेढ़ साल बाद आपसी रंजिश में बछौता गांव में चाचा विपिन यादव व भतीजा राजा यादव के बीच गोलीबारी की घटना एक बार फिर उक्त गांव को हलचल में डाल दिया है। यह बात अलग है कि दोनों जघन्य हत्या गांव से बाहर बछौता में घटी। आशंका प्रबल है कि चाचा- भतीजा का यह पारिवारिक विवाद कहीं आगे न बढ़े। हालांकि, पूरे घटनाक्रम पर पुलिस की निगाह सख्त है। पुलिस पल-पल की जानकारी ले रही है।
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