यह चैधा बन्नी हॉल्ट है, इसे है बड़ी दुर्घटना का इंतजार
फोटो 11, 12, 13 व 14 = यहां छह बार दुर्घटना होते-होते बची है = 13 फरवरी को भी नई दिल्ली-डिब्रुग ...और पढ़ें

फोटो 11, 12, 13 व 14
= यहां छह बार दुर्घटना होते-होते बची है
= 13 फरवरी को भी नई दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त होने से बची थी
= घटना बाद जांच कमेटी गठित कर होती है खानपूर्ति
= वर्ष 1998 में मानसी जंक्शन के समीप राजधानी एक्सप्रेस की छह बॉगी बेपटरी हो गई थी।
संवाद सूत्र, महेशखूंट (खगड़िया): बरौनी-कटिहार रेलखंड पर मानसी जंक्शन और महेशखूंट स्टेशन के मध्य चैधा-बन्नी हॉल्ट का एरिया 'डेंजर जोन' बन गया है। शुक्रवार को भी यहां डाउन लाइन पर डाउन 12436 नई दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची। जब तक हॉल्ट संचालक और ग्रामीण लाल कपड़े दिखा ट्रेन को रोकते तब तक इंजन समेत तीन बॉगी गुजर चुके थे। यह तो भगवान की कृपा थी, कि, जान-माल की क्षति नहीं हुई। मालूम हो कि एक माह भी नहीं हुआ है जब यह दूसरी घटना है। 13 फरवरी को इस हॉल्ट के पास 12424 डाउन नई दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची थी। जब तक की-मेन ट्रेन को रोकवाने का प्रयास किया, तब तक उस दिन राजधानी का इंजन समेत ब्रेकभान क्रेक पटरी से आगे निकल चुका था।
मालूम हो कि यहां शुक्रवार की घटना से पहले पांच दफा डाउन लाइन की पटरी क्षतिग्रस्त होने से ट्रेनें बाल-बाल बची है। स्थानीय लोगों के अनुसार रेल विभाग अनहोनी का इंतजार कर रही है। 13 फरवरी को हुई घटना बाद सोनपुर डीआरएम ने जांच को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। परंतु, इसका नतीजा क्या निकला किसी को मालूम नहीं। वहीं शुक्रवार की घटना बाद भी तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। जिसमें सहायक संरक्षा अधिकारी, सहायक विद्युत इंजीनियर और एक सहायक इंजीनियर शामिल है।
इधर, सूत्रों की माने तो यह पटरी काफी पुरानी हो गई है। जिससे यह क्षतिग्रस्त हो रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार इससे पूर्व भी पांच बार चैधा- बन्नी हॉल्ट के निकट डाउन लाइन की पटरी में दरार आ चुकी है। तीन बार हॉल्ट से पूरब व दो बार हॉल्ट से पश्चिम। शुक्रवार को छठी बार पटरी यहां क्रेक की।
मालूम हो कि इसी स्थान पर 19 दिसंबर 2017 को रात के 10.50 बजे डाउन लाइन पर पटरी में दरार आने के उपरांत उसपर से होकर मालगाड़ी गुजरी थी। जो बाल- बाल बच गई थी। तब रेल अधिकारियों का कहना हुआ था कि ठंडक के कारण पटरी में दरार आ गई।
इस रेल खंड पर दुर्घटनाओं का लंबा इतिहास रहा है।
वर्ष 1998 में मानसी जंक्शन के समीप राजधानी एक्सप्रेस की छह बॉगी बेपटरी हो गई थी।
वहीं बीते वर्ष आठ फरवरी को मानसी जंक्शन से आगे
बख्तियारपुर के समीप ग्रामीणों की सूझबूझ से राजधानी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा लिया गया था।
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