Bihar Election: वोटिंग से पहले ही पशुपति पारस का एक विकेट गिरा, खगड़िया से प्रत्याशी पूनम देवी ने दिया गच्चा
बिहार चुनाव से पहले पशुपति पारस को तब झटका लगा जब खगड़िया से प्रत्याशी पूनम देवी ने पार्टी छोड़ दी। पूनम देवी के इस्तीफे से राजनीतिक माहौल में हलचल है और पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके इस कदम से पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और पशुपति पारस को नई रणनीति बनाने की आवश्यकता है।

पशुपति पारस एवं पूनम देवी
जागरण संवाददाता, खगड़िया। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आज सोमवार को खगड़िया से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी पूनम देवी यादव ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने किन्ही के समर्थन में नामांकन वापस नहीं लिया है।
उन्होंने कहा है कि जनता के हित में नामांकन वापस लिया हूं। खगड़िया की जनता के साथ सदैव खड़ी हूं। पांच साल और मेहनत करूंगी, उसके बाद फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा है कि मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में और जानकारी देंगे।
इधर,राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के खगड़िया जिला अध्यक्ष शिवराज यादव ने कहा है कि यह पार्टी के साथ धोखा हुआ है। पूनम देवी यादव ने खगड़िया की जनता को धोखा दिया है। मालूम हो के पूनम देवी यादव खगड़िया विधानसभा से चार बार विधायक रह चुकी है।
2020 में जदयू उम्मीदवार के रूप में उन्हें कांग्रेस के छत्रपति यादव से हार का सामना करना पड़ा था। कुछ दिन पूर्व ही जदयू से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से खगड़िया विधानसभा से उन्होंने नामांकन का पर्चा दाखिल किया था।
खगड़िया सदर विधानसभा से महागठबंधन से कांग्रेस के डॉ. चंदन यादव प्रत्याशी हैं। डॉ. चंदन यादव कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी हैं और राहुल गांधी के नजदीकी माने जाते हैं। एनडीए से जदयू जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल जदयू प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। जन सुराज से जयंती पटेल मैदान में हैं। अब रालोजपा के हटने के बाद इन्हीं के बीच मुकाबला होगा
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