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    महाशिवरात्रि विशेष: यह पांडु वृक्ष न बढ़ता है...न सूखता है, पांडवों ने रोपा था ऐतिहासिक महादेव मंदिर में पौधा

    By Amit JhaEdited By: Ashish Pandey
    Updated: Fri, 17 Feb 2023 03:25 PM (IST)

    Baba Phuleshwarnath Mahadev Temple Khagaria खगड़िया से 60 किमी दूर बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर अवस्थित है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। महाशिवरात्रि पर यहां पूरे कोसी क्षेत्र के श्रद्धालु जुटते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र से जुड़े पड़ोसी जिले सहरसा और मधेपुरा के श्रद्धालु भी यहां आते हैं।

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    खगड़िया के ऐतिहासिक बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर को नहीं मिल सका है पर्यटन स्थल का दर्जा। फोटो- जागरण

    भवेश, संवाद सूत्र, (बेलदौर) खगड़िया: खगड़िया जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पनसलवा-बोबिल पथ के किनारे बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर अवस्थित है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। महाशिवरात्रि पर यहां पूरे कोसी क्षेत्र के श्रद्धालु जुटते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में अवस्थित बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर से जुड़े पड़ोसी जिले सहरसा और मधेपुरा के श्रद्धालु भी यहां आते हैं। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से व्यापक तैयारी की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।

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    यह पांडु वृक्ष ना तो बढ़ता है, ना ही सूखता है

    भाजपा नेता देशबंधु सिंह पटेल बताते हैं कि मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। जनश्रुति है कि अज्ञातवास के दौरान विराटपुर जाने के क्रम में पांडव रात में यहां रुके थे। बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर में ठहरकर उन्होंने पूजा-अर्चना की थी। पांडवों ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में पांच पौधे भी लगाए। इन्हें ही पांडु वृक्ष के नाम से जाना जाता है। इन पांच वृक्षों में बरगद, पीपल, आम, महुआ और बेल शामिल हैं। इस वृक्ष की खासियत यह है कि यह ना तो बढ़ता है और ना ही सूखता है। मंदिर के संरक्षक गुरु प्रसाद के अनुसार बाबा भोलेनाथ के दरबार से आज तक कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है। जो भी सच्चे मन से बाबा भोलेनाथ की आराधना करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का विशेष केंद्र है।

    बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर स्थित पांडु वृक्ष: फोटो- जागरण

    अब तक नहीं मिल सका है पर्यटन स्थल का दर्जा

    1982 ईस्वी में ग्रामीणों के सहयोग से यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया, लेकिन अब एक स्ट्रीट लाइट नहीं रहने के कारण शाम ढलते ही मंदिर परिसर में अंधेरा छा जाता है। गुरु प्रसाद को इस बात का दर्द है कि बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर को अब तक पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिला है।

    बेलदौर नगर पंचायत के उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि सूरज कुमार ने कहा कि जल्द ही सूबे के पर्यटन मंत्री से एक शिष्टमंडल मिलकर उनका ध्यान बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर की ओर दिलाएगा। इसे पर्यटन स्थल का दर्जा मिले, इसको लेकर बात की जाएगी।

    इधर खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने भी कहा कि मां कात्यायनी स्थान और बाबा फुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर को पर्यटन स्थल का दर्जा मिले, इसे लेकर केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर प्रयास किया जाएगा।