Kosi River: कोसी की मुड़ी धारा प्रलय मचाने को आतुर! अधिकारी स्थिति पर बनाए हुए हैं नजर
खगड़िया जिले में कोसी नदी का रुख बदल गया है जिससे तेलिहार जमींदारी बांध के पास कटाव का खतरा बढ़ गया है। 21 करोड़ की लागत से कटाव-रोधी कार्य किए गए हैं लेकिन नदी का वेग अभी भी जारी है। बाढ़ नियंत्रण विभाग फ्लड फाइटिंग में लगा हुआ है और स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।
भवेश, खगड़िया। कोसी बिहार की बड़ी नदियों में शुमार है। यह नेपाल से निकलकर सुपौल जिले में बिहार में प्रवेश करती है। कोसी कटिहार के कुरसेला के पास गंगा से संगम करती है।
एक अनुमान के अनुसार बिहार में कोसी 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है। खगड़िया जिले के एक बड़े भू-भाग से होकर कोसी गुजरती है। यह खगड़िया के अलौली, बेलदौर और गोगरी प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरती है। यहां कोसी का एक बड़ा प्रवाह मार्ग है।
कोसी की बाढ़ से बचाव को लेकर खगड़िया जिले में बांध-तटबंधों की लंबी श्रृंखला है। इनमें एक प्रमुख बांध है- तेलिहार जमींदारी बांध। जिसकी लंबाई 17.5 किलोमीटर है। यह बेलदौर प्रखंड की बड़ी आबादी को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करती है।
लेकिन तेलिहार जमींदारी बांध के छह-सात किलोमीटर के बीच कामाथान स्थल के पास कोसी की धारा मुड़ चुकी है।
यहां पर कोसी की धारा बीते वर्ष सितंबर के अंतिम और अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में उस समय मुड़ी, जब कोसी नदी के भीमनगर बराज (कोसी बराज) से सर्वाधिक डिस्चार्ज 28 सितंबर 2024 को हुआ था
जानकारी अनुसार 28 सितंबर 2024 को कोसी का डिस्चार्ज 6.61 लाख क्यूसेक था। जो पिछले 56 सालों का सर्वाधिक डिस्चार्ज था।
अब तेलिहार जमींदार बांध के कामाथान स्थल के पास धारा मुड़ने के कारण कोसी यहां उग्र रूप ले चुकी है। विभागीय अधिकारी के अनुसार पहले पांच सौ मीटर की चौड़ाई में नदी बहती थी। लेकिन धारा बदलने के कारण सौ मीटर की लंबाई में यहां नदी बह रही है।
21 करोड़ की लागत से कटाव रोधी कार्य
बीते वर्ष धारा मुड़ने के कारण स्थिति की भांपते हुए इस वर्ष यहां 21 करोड़ की लागत से बाढ़ पूर्व कटाव रोधी कार्य कराए गए हैं। परंतु कोसी कराए गए कटाव रोधी कार्य को आंशिक क्षति पहुंचाते हुए डाउन मेंं कटाव करने लगी है।
लगभग 125 मीटर की लंबाई में कोसी कटाव शुरू कर दी है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के होश उड़े हुए हैं। आनन-फानन में यहां तीन जुलाई से फ्लड फाइटिंग कार्य आरंभ किया गया है। लेकिन नदी की तीव्र गति को देखते हुए विभाग के भी हाथ-पांव फूल रहे हैं।
नदी की चौड़ाई कम होने एवं बांध की ओर शिफ्ट करने के कारण स्थित विस्फोटक हो गई है। तीन जुलाई को फ्लड फाइटिंग फोर्स के अध्यक्ष सत्यजीत ने उक्त स्थल का जायजा भी लिया।
यहां कोसी धारा बदल चुकी है। नदी की गहराई बहुत अधिक है। विशेष निगरानी रखी जा रही है। तत्काल फ्लड फायटिंग कार्य शुरू किया गया है। घबराने की कोई बात नहीं है। - सत्यजीत, अध्यक्ष, फ्लड फाइटिंग फोर्स खगड़िया।
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