Kosi River: गांधीनगर में कोसी मचा रही तांडव, नदी में विलीन हो रहे घर, अधिकारियों ने लिया जायजा
खगड़िया के गांधीनगर में कोसी नदी का तांडव जारी है, जिससे कई घर नदी में विलीन हो गए हैं। एक दर्जन से अधिक परिवार विस्थापित हो चुके हैं और कई अन्य खतरे में हैं। अधिकारीयों ने स्थिति का जायजा लिया है, लेकिन पीड़ितों का कहना है कि उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है और वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। मुआवजे का भी कोई प्रावधान नहीं है।
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अधिकारियों ने किया कटाव का निरीक्षण। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया)। कोसी तांडव मचा रही है। नदी एक बार फिर उफान पर है। खगड़िया के बलतारा में कोसी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जलस्तर में वृद्धि बाद कोसी बेलदौर प्रखंड के इतमादी पंचायत अंतर्गत चोढ़ली जमींदारी बांध के अंदर बसे गांव गांधीनगर में कटाव तेज कर दी है।
स्थानीय लोगों में दहशत व्याप्त हैं। लोग रतजगा कर रहे हैं। कोसी किनारे जिनके घर हैं, वे अपने मकान को तोड़कर हटा रहे हैं।ताकि ईंट, चदरा आदि को सुरक्षित निकाला जा सके। गांधीनगर में कोसी तांडव मचा रही है।
कटाव से लगभग एक दर्जन के आसपास परिवार विस्थापित हो चुके हैं। कोसी जिस रफ्तार से कटाव कर रही है, उससे करीब एक दर्जन परिवारों पर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है। कोसी गांव से सटकर बह रही है।
इधर बेलदौर सीओ अमित कुमार और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया, के, कनीय अभियंता गांधीनगर पहुंचे। और कोसी कटाव का निरीक्षण किया। इस दौरान कटाव से विस्थापित परिवारों के लोगों ने कहा कि, बीते चार दिनों के अंदर लगभग एक दर्जन परिवारों के घर कोसी में विलीन हो चुके हैं।
लेकिन बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी कटाव रोधी कार्य नहीं करा रहे हैं। यहां अविलंब फ्लड फाइटिंग कार्य कराने की जरुरत है। पीड़िताें ने कहा कि, अंचल प्रशासन की ओर से प्लास्टिक शीट तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
विस्थापित परिवार खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश बने हुए हैं। स्थानीय पंचायत समिति सदस्य मुनेश शर्मा ने सीओ अमित कुमार को बताया कि, बीते चार दिनों के अंदर करीब एक दर्जन परिवार विस्थापित हुए हैं।
विस्थापित परिवारों में चंद्रशेखर शर्मा, बिंदेश्वरी शर्मा, श्याम शर्मा, सरोजनी देव, अनिता देवी, रामजी पासवान, लाल जीवन शर्मा आदि शामिल हैं, जबकि कमल किशोर शर्मा, कैलाश शर्मा, कपिल शर्मा आदि के घर कटाव के मुहाने पर हैं।
श्याम शर्मा के अनुसार, उन्हें चौथी बार विस्थापित होना पड़ा है। अब कहां जाएंगे, कोई ठौर-ठिकाना नहीं है। इधर सीओ ने कहा कि, गांधीनगर गांव बांध के अंदर नदी किनारे बसा हुआ है।इसलिए विस्थापितों को मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है।
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