कोसी-बागमती का विकराल रूप, जलस्तर बढ़ने से आसपास के इलाकों में दहशत
खगड़िया में कोसी और बागमती नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे खतरे की स्थिति पैदा हो गई है। बलतारा में कोसी खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर नीचे है और डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। बागमती भी दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रही है। बाढ़ नियंत्रण विभाग बांधों की लगातार निगरानी कर रहा है।
जागरण संवाददाता, खगड़िया। कोसी और बागमती पूरी बेग के साथ बह रही है। दोनों नदी रफ्तार पकड़ ली है। दोनों नदी तेजी से डेंजर लेवल (खतरे का निशान) की ओर अग्रसर हो रही है। खगड़िया के बलतारा में कोसी खतरनाक लेवल से मात्र 16 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। जबकि बागमती 51 सेंटीमीटर नीचे है।
कोसी प्रति घंटे डेढ़ सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रही है। बलतारा में बुधवार की संध्या कोसी का जलस्तर 33.51 मीटर रहा। जबकि गुरुवार की सुबह बढ़कर जलस्तर 33.69 मीटर पर पहुंच गया। 12 घंटे में(बुधवार की संध्या छह बजे से गुरुवार की सुबह छह बजे तक) कोसी के जलस्तर में 18 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है।
कोसी डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रही है। कोसी बराज(भीमनगर बराज) के पास गुरुवार की सुबह 10 बजे कोसी का डिस्चार्ज एक लाख 34 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। बराह क्षेत्र के पास कोसी का डिस्चार्ज 98 हजार 150 क्यूसेक रहा।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो खगड़िया के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार ने बताया कि कोसी बराज और बराह क्षेत्र, दोनों स्थलों पर कोसी की प्रवृति घटने की है। जिसका असर दो दिनों बाद खगड़िया में दिखेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है दो दिनों के बाद खगड़िया में कोसी के जलस्तर में कमी आएगी।
प्रति घंटे दो सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रही है बागमती
इधर बागमती का जलस्तर खगड़िया के संतोष जलद्वार के पास गुरुवार की सुबह छह बजे 35.12 मीटर दर्ज किया गया। जबकि बुधवार की संध्या छह बजे यहां बागमती का जलस्तर 34.88 मीटर था। 12 घंटे में बागमती के जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। बागमती प्रति घंटे दो सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रही है।
बांध-तटबंधों की 24 घंटे रखी जा रही है निगरानी
इधर कोसी और बागमती के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बांध-तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। बाढ़ नियंत्रण-प्रमंडल-दो, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार ने बताया कि बांध-तटबंधों की सदत निगरानी रखी जा रही है। सभी बांध-तटबंध और आधारभूत संरचनाएं सुरक्षित हैं।
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