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    Bihar Politics: बेलदौर एनडीए का गढ़... मगर राह आसान नहीं; कांग्रेस-VIP की भी मजबूत दावेदारी

    बेलदौर विधानसभा क्षेत्र एनडीए का गढ़ माना जाता है जहां जदयू के पन्नालाल सिंह पटेल विधायक हैं। आगामी 2025 चुनाव में एनडीए के लिए राह आसान नहीं है। 2020 में जदयू ने कांग्रेस को मामूली अंतर से हराया था। इस बार कांग्रेस और वीआईपी भी मजबूत दावेदार हैं। पन्नालाल सिंह पटेल अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते हैं जबकि लोजपा (रा) और कृष्णा कुमारी यादव भी मैदान में हैं।

    By Chitranjan Sangar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 25 Aug 2025 03:31 PM (IST)
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    बेलदौर एनडीए का गढ़... मगर राह आसान नहीं; कांग्रेस-VIP की भी मजबूत दावेदारी

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। बेलदौर विधानसभा क्षेत्र एनडीए का मजबूत गढ़ माना जाता है। यहां से जदयू के पन्नालाल सिंह पटेल विधायक हैं। वे कई टर्म से लगातार विधायक हैं। यहां से ही खगड़िया जिले में एनडीए विधानसभा स्तरीय सम्मेलन की शुरुआत 28 अगस्त को करने जा रहा है। सम्मेलन स्थल भी बेलदौर विधायक पन्नालाल सिंह पटेल का गांव पनसलवा है, परंतु एनडीए के लिए इस गढ़ में फतह इस वर्ष आसान नहीं माना जा रहा है।

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    2020 के विधानसभा चुनाव में प्रथम स्थान पर रहे जदयू के पन्नालाल सिंह पटेल को 56,541 मत प्राप्त हुए थे। द्वितीय स्थान पर रहे कांग्रेस के डॉ. चंदन यादव को 51, 433 मत मिले थे। तृतीय स्थान पर लोजपा के मिथिलेश निषाद रहे थे। उन्हें 31,229 मत मिले थे।

    अगर 2020 के आंकड़े पर गौर करें, तो जदयू को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी। हार-जीत का अंतर बहुत कम रहा। 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के पन्नालाल सिंह पटेल ने मात्र पांच हजार 101 वोट से जीत हासिल की थी। कांग्रेस के डा. चंदन यादव ने परबत्ता से आकर पन्नालाल सिंह पटेल को उनके गढ़ में कड़ी चुनौती दी थी।

    अब 2025 के चुनाव यहां से जदयू का लड़ना तय माना जा रहा है। राजनीतिक चर्चाओं पर गौर करें, तो विधायक पन्नालाल सिंह पटेल यहां से अपने पुत्र नूतन सिंह पटेल को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं। नूतन सिंह पटेल जदयू के जिला उपाध्यक्ष हैं। अगर बात नहीं बनी, तो वे खुद एक बार फिर मैदान में उतरेंगे।

    हालांकि, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े एक व्यक्ति भी जदयू की ओर से हाथ-पांव मार रहे हैं। वैसे इस सीट पर एनडीए की ओर से लोजपा (रा) की भी दावेदारी है। लोजपा (रा) के जिलाध्यक्ष मनीष कुमार कहते हैं- दावेदारी हमारी भी है। बीते विधानसभा चुनाव में लोजपा के मिथिलेश निषाद ने अच्छा वोट लाया था।

    इधर, जदयू के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने कहा कि, बेलदौर सहित जिला के सभी चार विधानसभा क्षेत्र पर जदयू लड़ेगी। बाकी पार्टी नेतृत्व का जो फैसला होगा वह सर्वमान्य है।

    अब बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आईएनडीआई गठबंधन से किन्हें मैदान में उतारा जाता है। चर्चाओं पर गौर करें, तो कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. चंदन यादव इस बार खगड़िया विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व बेलदौर से अपनी दावेदारी नहीं छोड़ेगी।

    कांग्रेस की कार्यकारी जिला अध्यक्ष राजकिरण ठाकुर कहती हैं- आईएनडीआईए से इस सीट पर पहला हक कांग्रेस का है। बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है। दूसरी ओर आईएनडीआईए में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की भी दावेदारी यहां से है। वीआईपी के खगड़िया जिलाध्यक्ष मनोहर सहनी कहते हैं, बेलदौर से हमारी स्पष्ट दावेदारी है। इस विधानसभा क्षेत्र में वीआईपी के आधार वोट बैंक की संख्या अच्छी-खासी है।

    ये तो हुई एनडीए और आईएनडीआईए की बात, इधर जन सुराज पार्टी भी यहां से ताल ठोक रही है। जन सुराज पार्टी की ओर से जिन-जिन लोगों की फिलहाल दावेदारी दिख रही है, वे सभी एनडीए का ही खेल बिगाड़ेंगे। दूसरी ओर, यहां से एक बड़ी दावेदारी खगड़िया जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव की है।

    उन्होंने बेलदौर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है। अब देखना है कि किस राजनीतिक दल से चुनाव लड़ती हैं अथवा निर्दलीय मैदान में उतरती हैं, परंतु उनकी दावेदारी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वे बेलदौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या-11 से जिप सदस्य हैं। 2014 में खगड़िया से लोकसभा चुनाव राजद से लड़ चुकी हैं और दूसरे स्थान पर रही थी। उस चुनाव में उन्हें बेलदौर विधानसभा क्षेत्र से अच्छे-खासे वोट मिले थे।

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