खगड़िया के गंगौर थानाध्यक्ष पर एक चोर ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया है जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। चोरी 11 अगस्त को हुई थी और रिपोर्ट 15 अगस्त को दर्ज हुई। आरोपी ने दावा किया कि थानाध्यक्ष ने उसे छोड़ने के लिए पैसे लिए थे। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वायरल वीडियो में आरोपी चोरी की कहानी बता रहा है।
जागरण संवाददाता, खगड़िया। गंगौर थानाध्यक्ष सरिता कुमारी पर एक चोर ने बड़ा आरोप लगाया है। हालांकि, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोप लगाने वाले चोर कुमोद समेत चार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। चोरी की कई जेवरात, इनवर्टर, बैट्री समेत अन्य सामानों को भी बरामद किया गया है।
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इधर, गिरफ्तार चोरों के न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद इंटरनेट मीडिया पर तेजी से कुमोद का वीडियो वायरल हो रहा है। मालूम हो कि जहांगीरा शोभनी के मिलन प्रिया के घर 11 अगस्त को भीषण चोरी हुई थी। इस बाबत 15 अगस्त को केस दर्ज की गई।
आरोप है कि ग्रामीणों की सूचना पर थानाध्यक्ष द्वारा कुमोद समेत तीन को हिरासत में लिया गया। करीब दो दिन थाना में पूछताछ की गई। हिरासत में लिए तीनों को मुक्त कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि पीड़िता मिलन प्रिया ने हिरासत से मुक्त होने बाद कुमोद को प्रलोभन दिया कि वह चोरी गए सामान वापस कर दे, इसके लिए उसे भारी रकम देंगे। तब प्रलोभन में फंसकर कुमोद ने चोरी गए कुछ जेवरात मिलन प्रिया को वापस कर दिया और चोरी की कहानी बताने लगा। इस दौरान किसी ने उसका वीडियो बना लिया और इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल होने बाद फिर पुलिस हरकत में आई और कुमोद समेत बलबीर कुमार, अजय कुमार, दीपक कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। चोरी गई कई जेवरात, इनवर्टर, बैट्री व अन्य सामानों को बरामद किया गया।
वायरल वीडियो से मची विभाग में अफरातफरी
कुमोद का इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि जागरण नहीं करता है। इधर, वायरल वीडियो में कुमोद चोरी की कहानी बताते हुए कहा रहा है कि हिरासत में लेने के बाद मेरे दोस्त अंकुश से 40 हजार और मम्मी से 10 हजार रुपये थानाध्यक्ष द्वारा लिए गए और हिरासत से मुक्त किया गया था।
कुमोद कह रहा है कि बंटी और प्रेम कई चोरी की सामान लेकर भाग गया। दीपक, अजय और एक अन्य के यहां जेवरातों की बिक्री की। वायरल वीडियो में एक दुकानदार बोल रहा है कि 18 हजार में दो सोने की अंगूठी खरीदी थी। जबकि दूसरा बोल रहा है कि कुछेक जेवरात 27,500 में खरीदे थे। वीडियो में पीड़िता मिलन प्रिया भी दिख रही हैं, जो कह रही हैं कि कुमोद ने सोने का चैन दिया था।
किस ओर होनी चाहिए गहन जांच?
कुछेक ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मिलन प्रिया चोरी के बाद ही थाना आवेदन देने गई थी। मगर थानाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पीड़िता ने गांव के सामाजिक लोगों को सभी बात बताई। तब सामाजिक लोगों ने भी थानाध्यक्ष से बातचीत की।
सवाल है कि 11 अगस्त को चोरी हुई, तो चार दिन बाद 15 अगस्त को केस क्यों दर्ज हुआ। सूत्रों का कहना है कि कुमोद समेत तीन को हिरासत में रखा गया था। हिरासत से छूटने बाद दो परदेस भाग गया, जबकि कुमोद आश्वस्त था कि अब कुछ नहीं होगा।
वीडियो वायरल होने बाद कैसे उसे पकड़ा गया और चोरी गई जेवरातों की बरामदगी हो पाई? थाना के सीसीटीवी की गहन जांच भी जरूरी है, जो बताएगा कि कुमोद समेत तीन को कब थाना लाया गया और क्यों उसे हिरासत से मुक्त किया गया।
वायरल वीडियो की भी जांच होनी चाहिए कि पुलिस गिरफ्त में आने का वीडियो है कि हिरासत से मुक्त होने के बाद का। ऐसे कई सवाल हैं, जिसकी गहन जांच होने के बाद बहुत कुछ साफ हो जाएगा। बहरहाल, गंगौर थानाध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप से पुलिस महकमा सकते में है।
देखिए, कुमोद स्मैकर है। वह मानसिक रूप से कमजोर है। उसका इलाज चल रहा है। वह कब क्या बोलेगा, किसी को पता नहीं है। लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। - सरिता कुमारी, थानाध्यक्ष गंगौर, खगड़िया
इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो को गंभीरता से लेते हुए एसडीपीओ टू को गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं। सभी बिंदुओं पर गहन जांच को कहा गया है। जांच में मामला प्रमाणित होने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। - राकेश कुमार, एसपी, खगड़िया
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