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    गंगा और बूढ़ी गंडक नदियों का जलस्तर घटा, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत, तटबंधों से लोग घर लौटे

    खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है जिससे बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत मिली है। वरुणा पंचायत में स्थिति सामान्य हो रही है लोग अपने घरों को लौट रहे हैं और दुकानें खुल गई हैं। माधवपुर पंचायत के लोग भी खेतों से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि खेती शुरू की जा सके।

    By Chitranjan Sangar Edited By: Rajesh Kumar Updated: Mon, 18 Aug 2025 06:46 PM (IST)
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    खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। जागरण

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार गिरावट जारी है। 18 जुलाई को भी दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। दोनों नदियों का रुख घटने का बताया जा रहा है। 17 जुलाई की शाम 6 बजे से 18 जुलाई की सुबह 6 बजे तक, 12 घंटे के दौरान गंगा के जलस्तर में नौ सेंटीमीटर की कमी आई है। जबकि बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 13 सेंटीमीटर की कमी आई है।

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    इधर, गंगा और बूढ़ी गंडक के बाढ़ग्रस्त इलाकों से पानी निकल रहा है। मालूम हो कि इस बार 17 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आई हैं। खगड़िया और गोगरी नगर परिषद के दो-दो वार्ड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मानसी नगर पंचायत का कुछ हिस्सा भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है। इन शहरी इलाकों से पानी निकल गया है। लेकिन कुछ जगहों पर अभी भी पानी जमा है।

    वरुणा गांव की सड़कों पर दौड़ने लगे वाहन, दुकानें खुलीं

    गोगरी प्रखंड स्थित वरुणा (बौरना) के लगभग सभी घरों से पानी उतर गया है, जो सबसे ज़्यादा बाढ़ प्रभावित पंचायतों में से एक है। यहाँ एक हज़ार घरों में पानी भरा हुआ था। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद नासिर इक़बाल ने बताया कि ज़्यादातर घरों से पानी उतर गया है। वार्ड नंबर 10 के लगभग 20 घरों में ही पानी है। सड़कों से भी पानी उतर गया है।

    वार्ड नंबर 10 में सिर्फ़ एक नाव चल रही है। यहाँ सड़क पर अभी भी पानी है। इससे पहले वरुणा पंचायत में 11 नावें चल रही थीं। जीएन तटबंध पर शरण लिए हुए ज़्यादातर लोग अपने घरों को लौट गए हैं। सिर्फ़ लगभग 25 पशुपालक ही तटबंध पर हैं।

    वरुणा के साइकिल मैकेनिक मोहम्मद बहराम ने पिछले रविवार को अपनी दुकान खोली। उन्होंने बताया कि घर और दुकान दोनों में बाढ़ का पानी घुस गया था। रोज़ी-रोटी छिन जाने से परेशानी बढ़ गई थी। अब जब पानी चला गया है, तो दुकान खुल गई है। ज़िंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ज़रूरी है।

    अब खेतों से पानी निकलने का इंतजार

    परबत्ता प्रखंड की माधवपुर पंचायत में हर घर में पानी भर गया था। पंचायत समिति प्रतिनिधि लालरतन कुमार ने बताया कि लगभग एक हज़ार घरों में पानी था। लेकिन अब सिर्फ़ अनुसूचित टोला माधवपुर और शर्मा टोला मुरादपुर में ही पानी है।

    माधवपुर पंचायत के लोग भी बाढ़ प्रभावित अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। माधवपुर गाँव के रामकृपाल सिंह, रणवीर सिंह ने कहा कि हम कब तक तटबंध पर रहेंगे, जब हमारे घर से पानी निकल गया तो हम वापस लौट आए हैं। अब खेतों से पानी निकलने का इंतज़ार है, ताकि खेती हो सके। अगर बाढ़ आई तो इस साल धरती सोना उगलेगी।