बेला सिमरी में एक के बाद एक मौत से सहमे हैं ग्रामीण
खगड़िया । खगड़िया-बेगूसराय की सीमा पर अवस्थित बेला सिमरी गांव में मौत ने तांडव मचा रखा है। ...और पढ़ें

खगड़िया । खगड़िया-बेगूसराय की सीमा पर अवस्थित बेला सिमरी गांव में मौत ने तांडव मचा रखा है। अब तक उक्त गांव में युवाओं, व्यवसायियों समेत आधे दर्जन से अधिक की मौतें हो चुकी हैं। लोग कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताते हैं। अधिकांश मौतें बेला सिमरी चौक (यह मिनी बाजार के रूप में प्रसिद्व है) के समीप हुई है। गांव के लोग चौक पर भी जाने से घबरा रहे हैं। एक सप्ताह में इतनी मौत को देखकर ग्रामीण सहम उठे हैं। हालांकि ऐसे लोगों की न तो कोरोना की जांच हो पाई और न ही पता चल पाया कि पहले से कोई बीमारी से ग्रसित थे। कई ग्रामीणों का कहना हुआ कि किसी का कंठ बंद होने की बातें कही गई, तो किसी ने बुखार के लक्षण आने पर प्राइवेट डॉक्टरों से भरसक उपचार कराया था। ग्रामीण इस भय से सहमे हुए हैं कि अब मौत किसके घर में तांडव मचाएगा। हालत तो यह है कि समाज के लोग मरने पर शव को उठाने भी नहीं जाते। बिना कोरोना जांच कराए और बिना पॉजिटिव होने का पता चले ही ग्रामीण इतने सहमे हुए हैं कि किसी की मौत की खबर बाद लोग घरों में बंद हो जाते हैं। बस उन्हें ही इसकी फ्रिक होती है जिनके अपनों की मौत हो गई होती है। तीन- चार लोग ट्रैक्टर पर किसी तरह शव को लादते हैं और बगल के बूढ़ी गंडक नदी में दाह-संस्कार करा आते हैं।
उक्त पंचायत के मुखिया सुनील सिंह का कहना हुआ कि लगातार मौत किस वजह से हो रही है इसका स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। परंतु, गांव के लोग मानते हैं कि कोरोना से मौत हुई होगी। उनका कहना हुआ कि बेला चौक व आसपास में एक सप्ताह के दौरान सहदेव केशरी, सुनील केशरी, हितेश पासवान, डॉक्टर रामजी के पुत्र अशोक कुमार, चौधरी टोला के एक युवक व सदा परिवार की एक महिला की अचानक मौत हो गई। यह भी बताया कि बीते गुरुवार को भी हीरा सिंह की मौत हो गई। हीरा सिंह के बारे में पता चला कि अचानक घबरा कर वे गिर गए और उनकी मौत हो गई। पूर्व मुखिया रामदेव सिंह का कहना हुआ कि लगातार हो रही मौतों से लोग घबराए हुए हैं। सब्जी लेने के लिए भी अधिकांश लोग अब चौक पर नहीं जाते हैं। खगडिया से जो बसें चलती है अब बेला चौक पर खड़ी नहीं होती है। चौक से पहले ही पेट्रोल पंप से बस वापिस हो जाती है। कुछेक ग्रामीणों का कहना हुआ कि बुखार अथवा सर्दी खांसी होने पर क्वारंटाइन के भय से लोग कोरोना जांच नहीं कराते हैं और ग्रामीण डॉक्टर से इलाज करवाने को सक्रिय हो जाते हैं। जब हालात गंभीर हो जाती है तब पता चलता है कि मौत हो गई। यह गांव खगड़िया व बेगूसराय जिला के सीमावर्ती परिहारा ओपी से सटा हुआ है। बेगूसराय जाने आने को लेकर कई रास्ते हैं। पंचायत की आबादी 20 हजार से अधिक है। समय रहते इस गांव को अतिसंवेदनशील मानते हुए बचाव अभियान नहीं चलाया गया, तो संभव है कि और जानें जाए। कोट
उक्त पंचायत के मुखिया से बातचीत हुई है। गांव को सैनिटाइज कराने, अभियान चलाकर कोविड जांच कराने और लोगों को जागरूक करने को लेकर प्रचार- प्रसार कराया जा रहा है।
राजेश कुमार राजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, खगड़िया।

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