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    नाले के अभाव में नहीं हो रही है नहर से सिचाई

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 07 Nov 2020 12:13 AM (IST)

    खगड़िया। रबी फसल की बुआई किसानों ने शुरू कर दी है। बेलदौर में मक्का की खेती 12 हजार ह ...और पढ़ें

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    नाले के अभाव में नहीं हो रही है नहर से सिचाई

    खगड़िया। रबी फसल की बुआई किसानों ने शुरू कर दी है। बेलदौर में मक्का की खेती 12 हजार हेक्टेयर में होती है। एक माह बाद मक्का फसल की सिचाई के लिए किसानों में हाय-तौबा मचेगी। मालूम हो कि बेलदौर प्रखंड में एक भी राजकीय नलकूप नहीं है। सिचाई विभाग इसको लेकर उदासीन बना हुआ है। सिचाई विभाग के द्वारा बेलदौर प्रखंड में 70 के दशक में नहर का जाल बिछाया गया था। इनमें बेलदौर प्रशाखा नहर, दिघौन एवं माली प्रशाखा नहर शामिल है। नहरों से खेतों तक पानी पहुंचाने को लेकर नाला बनाया गया था। लेकिन 1987 की बाढ़ में सब तहस नहस हो गया। जो अभी भी अपनी बदहाली को बयां कर रहा है। विदित हो कि सिचाई विभाग का अनुमंडलीय कार्यालय बेलदौर में था। जिसे 1987 की बाढ़ के बाद मधेपुरा जिले के मुरलीगंज स्थानांतरित कर दिया गया। तबसे दोनों नहर अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। नहर में पानी रहने पर भी नाला के अभाव में किसान खेतों की सिचाई नहीं कर पाते हैं।

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    किसान मनोज यादव, कौशल पोद्दार ने बताया कि नहर से सस्ती सिचाई किसानों के लिए सपना बना हुआ है। मक्का की फसल में चार से पांच सिचाई की जरूरत पड़ती है। किसानों ने इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है। इस संबंध में बेलदौर सीओ अमित कुमार ने बताया कि सिचाई विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा।