खुली झोपड़ी में चल रहा विद्यालय, कंपकंपाती ठंड में बच्चे आना नहीं चाहते
खगड़िया। जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ...और पढ़ें

खगड़िया। जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा करती है, परंतु धरातल पर स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। आज भी टूटी हुई झोपड़ी में विद्यालय संचालित किया जा रहा है। कोई देखने वाला नहीं है। इससे बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है।
काली कोसी नदी किनारे अवस्थित है सुदूर कैंजरी पंचायत है। यहां एक विद्यालय है प्राथमिक विद्यालय इटहरी वासा। यह विद्यालय एक टूटी हुई झोपड़ी में चल रहा है। सायं, सायं करती हवा झोपड़ी से गुजरती है और ठंड में बच्चों की कंपकंपी छुड़ा देती है। इसलिए बच्चे विद्यालय आना नहीं चाहते हैं। अगर आते भी हैं, तो कुछ घंटे रुककर चले जाते हैं अथवा खेलते रहते हैं। बीते सोमवार को एक बजकर 10 मिनट पर यह विद्यालय बंद था। यहां सन्नाटा पसरा हुआ था। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि यह रोज का हाल है। जबकि नामांकित बच्चों की संख्या लगभग एक सौ है। झोपड़ी में संचालित विद्यालय चारों ओर से खुला हुआ है।
कोट
'जमीन उपलब्ध है। पंचायत की योजना से मिट्टी भी भराई गई। विभागीय अधिकारी को उक्त जमीन पर विद्यालय भवन बनाने को कहा गया, परंतु परिणाम ढाक का तीन पात ही निकला। विद्यालय झोपड़ी में संचालित हो रहा है। बच्चे विद्यालय आने से कतराते हैं।'
= पचिया देवी, मुखिया।
कोट
'विद्यालय भवन को लेकर प्रयास जारी है। जल्द ही परिणाम सामने आएगा।'
= हरेंद्र रजक, प्रभारी बीईओ, बेलदौर।

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