Khagaria News: कर्नाटक हादसे में खगड़िया के राजेश ने भी गंवाई जान, सूचना मिलते ही पसरा मातमी सन्नाटा
कर्नाटक के विजयपुरा स्थित अलियाबाद औद्योगिक क्षेत्र में घटित हादसे में खगड़िया के मजदूर राजेश कुमार की भी मौत हो गई। राजेश के कंधे पर ही परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। राजेश अपने पीछे पत्नी नीतू कुमारी और ढाई वर्षीय पुत्री कल्याणी व छह माह के पुत्र नयन को छोड़ गए है। इस दर्दनाक हादसे के बाद स्वजनों की आंखों से लगातार गंगा-यमुना बह रहा है।

विनोद कुमार, संवाद सूत्र, अलौली (खगड़िया)। सोमवार की संध्या कर्नाटक के विजयपुरा स्थित अलियाबाद औद्योगिक क्षेत्र में घटित हादसे में खगड़िया के अलौली प्रखंड के सरदही निवासी 25 वर्षीय मजदूर राजेश कुमार की मौत हो गई।
राजेश के सरदही गांव स्थित पड़ोसी पंकज कुमार ने बताया कि घटना के बाद उस दिन ही देर संध्या गांव खबर पहुंची। राजेश के साथ रह रहे ग्रामीण सनोज कुमार और छोटू कुमार ने यह सूचना दी।
सनोज व छोटू भी अलियाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित उसी निजी खाद्य प्रसंस्करण इकाई के गोदाम में काम करते हैं जिसमें राजेश मजदूरी करते थे। यह संयोग था कि जिस समय घटना घटी उस समय सनोज और छोटू पानी पीने के लिए वहां से बाहर निकले थे।
राजेश सितंबर में गए थे विजयपुरा
राजेश सितंबर माह में अपने चचेरे भाई अरविंद मुखिया के साथ विजयपुरा गए थे। सरदही के पंकज कुमार ने बताया कि अरविंद मुखिया की मां का निधन बीते तीन दिसंबर को हो गया। इसके बाद अरविंद चार दिसंबर को गांव लौट आए।
राजेश के कंधे पर ही थी परिवार की जिम्मेदारी
राजेश के कंधे पर ही परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। राजेश अपने पीछे पत्नी नीतू कुमारी और ढाई वर्षीय पुत्री कल्याणी व छह माह के पुत्र नयन को छोड़ गए है। नीतू कुमार दिव्यांग हैं।
माता-पिता (मकसूदन मुखिया-बिमला देवी) के देखभाल की जिम्मेदारी भी राजेश के ऊपर ही थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद स्वजनों की आंखों से लगातार गंगा-यमुना बह रहा है। ग्रामीण दिलीप मुखिया, देवेंद्र मुखिया ने कहा कि इस परिवार पर आफत टूट पड़ा है।
सरदही में मातमी सन्नाटा
आगे कैसे इन लोगों का गुजर-बसर होगा यह भगवान ही जाने। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा देने की मांग की है। पड़ोसी पंकज ने बताया कि बुधवार की सुबह राजस्व कर्मचारी सुबोध कुमार भी आए थे। उन्होंने पीड़ित स्वजनों से बातचीत की।
घटना के बारे में जानकारी ली। पंकज ने कहा कि मृतक राजेश के माता-पिता भी राजेश के ही ‘आश्रम’ में रहते थे। राजेश के कंधे पर ही सभी की जिम्मेदारी थी।
राजेश को गाल के गाल में समाए बुधवार को तीन दिन हो गए थे। स्वजनों को उनका शव पहुंचने का इंतजार है। आसपास चूल्हे नहीं जले हैं। सरदही में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
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