कटिहार के इंजीनियर नेता का फिर टूटा दिल, टिकट न मिलने पर अब निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी
कटिहार के प्राणपुर क्षेत्र के एक युवा इंजीनियर-नेता को 2020 और 2025 में टिकट नहीं मिला। पहले एक पार्टी और फिर दूसरी पार्टी से निराशा हाथ लगने के बाद, अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। समर्थकों के साथ बैठकें कर रहे हैं और जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश में हैं।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
विनोद कुमार राय, आजमनगर (कटिहार)। कहते हैं ना राजनीति मोहब्बत से कहीं ज्यादा बेरहम होती है। प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र के एक ऊर्जावान युवा नेता इसके ताजा उदाहरण बने हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके इस युवा नेता को कभी विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में सम्मान भी मिल चुका है, लेकिन इस बार भी उनकी राजनीतिक गणित कुछ गड़बड़ा गई।
यूं तो 2020 के चुनाव में उन्होंने पार्टी का झंडा ऐसे उठाया, जैसे देश की सेवा का प्रण लिया हो। सुबह-शाम गलियों में घूमते रहे, लोगों के बीच पार्टी का संदेश पहुंचाते रहे और हर सभा में नारा गूंजता रहा कि युवा बदलाव लाएगा। लेकिन टिकट की बारी आई तो पार्टी ने किसी और को ‘पास’ कर दिया।
उन्होंने तब सोचा चलो, सिस्टम में सुधार की गुंजाइश अभी बाकी है। फिर आया 2025। इस बार उन्होंने नई नीति वाली एक नई पार्टी से नाता जोड़ा, मानो किस्मत का पन्ना पलटने जा रहा हो। महीनों तक पसीना बहाया, इंटरनेट मीडिया से लेकर चाय की दुकान तक चर्चा बटोरी।
मगर टिकट बंटवारे की रात वही पुराना दर्द लौटा ‘दिल टूटा, टिकट लूटा’। अब इंजीनियर साहब राजनीति की सर्किट से अलग होकर निर्दलीय रूप में जनता का करंट पकड़ने की तैयारी में हैं। समर्थकों के बीच बैठकें जारी है। चेहरे पर मायूसी जरूर है पर आंखें 'निर्दलीय इंटेंसिटी' से चमक रही है।
कह रहे कि राजनीति भी इंजीनियरिंग की तरह है। बस फर्क इतना कि यहां फार्मूला हर बार बदल जाता है। इधर लोग कह रहे कि शायद शगुन ही नहीं बैठ रहा।
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