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    Bihar Flood : कटिहार में महानंदा का रौद्र रूप, यहां वार्निंग लेवल से 52 सेमी ऊपर; इलाके के लोगों में दहशत

    Updated: Tue, 02 Jul 2024 04:15 PM (IST)

    Bihar Flood Update मानसून की बारिश और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी की वजह से उत्तरी बिहार में कई नदियां उफान पर है। महानंदा नदी रौद्र रूप में है। कटिहार के कई जगहों पर महानंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग दहशत में हैं। पिछले 12 घंटे में महानंदा के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

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    घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच महानंदा, निकटवर्ती क्षेत्र के लोगों में दहशत। जागरण

    संवाद सूत्र, सालमारी (कटिहार)। महानंदा नदी अपने पूरे रौद्र रूप में है। नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आजमनगर में महानंदा नदी चेतावनी स्तर से 52 सेमी उपर बह रही है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नौ सेमी नीचे दर्ज किया गया है।

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    पिछले दो दिनों से लगातार जलस्तर में वृद्धि होने से तटवर्ती इलाकों के ग्रामीण बाढ़ व कटाव की आशंका से सशंकित हैं। बांध के भीतर बसे गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। प्रत्येक वर्ष बांध के भीतर बसे गांव के लोगों को बाढ़ के समय परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 12 घंटे में महानंदा के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। महानंदा का जलस्तर बहरखाल में खतरे के निशान से केवल एक सेमी नीचे है। यहां नदी चेतावनी स्तर से 60 सेमी उपर बह रही है। आजमनगर में महानंदा चेतावनी स्तर से 52 सेमी उपर बह रही है।

    धबौल में महानंदा वार्निंग लेवल से 47 सेमी उपर

    यहां नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नौ सेमी नीचे दर्ज किया गया है। धबौल के समीप जलस्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर नीचे है। धबौल में महानंदा वार्निंग लेवल से 47 सेमी उपर बह रही है।

    बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के तराई इलाके में भारी बारिश तथा सोमवार रात से हो स्थानीय स्तर पर हुई मूसलाधार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ा है। महानंदा के जलस्तर में अभी और वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। हालांकि अभी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से कुछ नीचे है।

    पानी का फैलाव होने से घरों में कैद हो जाते हैं ग्रामीण

    प्रखंड के आजमनगर ,आलमपुर ,अरिहाना, हरनागर, बैरिया ,सिंघौल, केलाबाड़ी, मर्बतपुर व चौलहर पंचायत का दर्जनों गांव बांध के भीतर बसा हुआ है। महानंदा नदी के उफान पर होने से बांध के भीतर क्षेत्र में जलजमाव के कारण बांध के भीतर बसे गांव के लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं।

    घरों के चारों ओर पानी हो जाने से घर से निकलना मुश्किल हो जाता है इस तरह प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में गांव के लोगों को झेलना पड़ता है। वही जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए फलक विभाग के अधिकारी 24 घंटा कैंप कर रहे है।

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