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    कटिहार में विस्थापितों को मिली जमीन, 10 साल बाद सपना हुआ पूरा; खुशी से खिले चेहरे

    Updated: Sat, 29 Nov 2025 03:46 PM (IST)

    कटिहार जिले के अमदाबाद में, दस वर्षों से अधिक समय से विस्थापित परिवारों को भूमि बंदोबस्ती का प्रमाण पत्र मिला। गंगा और महानंदा नदी के कटाव से पीड़ित इ ...और पढ़ें

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    प्रमाण पत्र पाने के बाद चेहरे पर दिखी खुशी। (जागरण)

    संवाद सूत्र जागरण, अमदाबाद (कटिहार)। 10 सालों से अधिक की प्रतीक्षा के बाद अपनी भूमि पर घर बनाने का विस्थापितों का सपना साकार होगा। शनिवार को अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य तल्लु वासकी एवं अंचल पदाधिकारी स्नेहा कुमारी ने संयुक्त रूप से भूमि बंदोबस्ती का प्रमाण पत्र का वितरण किया।

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    इस मौके पर पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी राजेश चौधरी भी मौजूद थे। विस्थापित परिवारों के चेहरे पर खुशी की झलक देखी गई तो कई की आंखें भी नम हो आई थी।

    बताते चलें कि गंगा एवं महानंदा नदी के कटाव से विस्थापन की पीड़ा यहां की बड़ी आबादी झेल रही है। प्रखंड में सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर तटबंधों के किनारे, सरकारी सड़कों के किनारे शरण लेकर रह रहे हैं। विस्थापन की पीड़ा विस्थापित परिवारों के चेहरे पर साफ झलकती थी।

    निर्धारित समय से पूर्व प्रखंड मुख्यालय पहुंचे थे विस्थापित परिवार

    बताते चलें कि भूमि बंदोबस्ती का प्रमाण पत्र मिलने की सूचना पर निर्धारित समय से पहले ही चिह्नित परिवार प्रखंड मुख्यालय पहुंच गए थे। प्रखंड मुख्यालय के बरामदे पर बैठकर पुष्पा देवी, देवी कैली, चर्चा कर रही थी कि अब अपनी भूमि पर हमारा घर होगा। सरकारी जगह छोड़ने का आशंका नहीं रहेगी।

    सिरो देवी ने महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि इस जमीन में मैं शौचालय घर भी बनवाऊंगी बांध पर रहने के कारण बराबर बाहर ही जाना पड़ता था जिससे शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी।

    भूमि बंदोबस्ती का प्रमाण पत्र मिलने पर प्रमिला देवी, जूली देवी, सयमंती देवी की आंखें खुशी से नम थी। उन्होंने कहा कि बांध के किनारे रहने पर हमेशा बांध से हटा देने का भय बना रहता था। पक्का मकान नहीं बना पाए थे। अब बसोवास हेतु भूमि मिल गया है अब अपनी भूमि पर घर बनाकर शांति से रहेंगे। विस्थापित परिवारों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।

    क्या कहते अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य

    अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य तल्लु वासकी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी लोगों को अपनी जमीन एवं अपना घर हो खास कर विस्थापितों पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है इसी के आलोक में बंदोबस्ती प्रमाण पत्र दिया गया।

    क्या कहती हैं अंचल पदाधिकारी

    अंचल पदाधिकारी स्नेहा कुमारी ने बताया कि यह लोग लंबे समय से गंगा एवं महानंदा नदी के कटाव से विस्थापित थे। वर्ष 2023 में इनका सर्वे हुआ था। शनिवार को 24 परिवारों को अभियान बसेरा के तहत भूमि बंदोबस्ती का प्रमाण पत्र दिया गया है। प्रति परिवार को सिंघिया मौजा में 3 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराई गई है।

    पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी राजेश चौधरी ने कहा कि विस्थापित परिवारों को बंदोबस्त की जमीन मिलने से अब वे अपना घर बनाकर रहेंगे इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी इसके लिए उन्होंने प्रशासन को साधुवाद भी दिया है।