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    बिहार में खाकी की इज्जत हुई तार-तार, पुलिस कर्मी ने ही करवाई थी दुकानदार की किडनैपिंग 

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 02:22 PM (IST)

    बिहार के कटिहार में एक पुलिसकर्मी ने अपनी वर्दी की गरिमा को तार-तार कर दिया। उसने एक दुकानदार का अपहरण करा लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई ह ...और पढ़ें

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    किडनैपिंग के तीनों आरोपी। फोटो जागरण

    तौफिक आलम, फलका (कटिहार)। खाकी वर्दी, टोपी और अशोक चिह्न, ये केवल पहचान नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक होते हैं, लेकिन जब इसी वर्दी की आड़ में अपराध किया जाए, तो न सिर्फ कानून बल्कि पुलिस की साख भी कटघरे में खड़ी हो जाती है।

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    फलका थाना क्षेत्र में सामने आई घटना ने पुलिस महकमे को भी हैरान कर दिया है, जहां फर्जी पुलिस बनकर एक दुकानदार को अगवा करने पहुंचे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। हैरानी की बात यह रही कि इस गिरोह का सरगना खुद फलका थाने में अनुबंध पर कार्यरत वाहन चालक निकला।

    यह मामला फलका थाना क्षेत्र के मोरसंडा गांव का है। गांव के किराना दुकानदार मो. राहिल ने बताया कि 20 दिसंबर की रात करीब आठ बजे एक सफेद रंग की कार से चार युवक उनकी दुकान पर पहुंचे। खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उन्होंने पहले नाम-पता पूछा, फिर गाली-गलौज करते हुए जबरन गाड़ी में बैठाने लगे।

    शोर मचाने पर आसपास के ग्रामीण जमा हो गए। ग्रामीणों ने जब उनसे पुलिस पहचान पत्र और वारंट के बारे में पूछा तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। वे दुकानदार पर कोडीन सिरप बेचने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन बातों में विरोधाभास देख ग्रामीणों को शक हो गया।

    इसी दौरान तीन आरोपितों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, जबकि एक फरार हो गया। सूचना पर पहुंची फलका पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान फलका थाना के अनुबंध चालक अमन कुमार, उसके दोस्त छोटू कुमार और अमित कुमार राय के रूप में हुई है।

    फरार आरोपित का नाम ब्रजेश कुमार बताया जा रहा है। पुलिस ने सभी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया है।

    पिछले महीने ही हुई थी अनुबंध पर नियुक्ति

    बताया जाता है कि अमन कुमार की अनुबंध पर नियुक्ति बीते महीने 19 तारीख को ही हुई थी। वह छुट्टी लेकर घर गया था और इसी दौरान अपने साथियों के साथ इस फर्जीवाड़े की साजिश रच डाली।

    बड़ा बाबू ने भेजा है कहकर करता रहा गुमराह

    घटना के दौरान भीड़ से घिरे अमन कुमार बार-बार यह कहता रहा कि उसे थाना के बड़ा बाबू ने भेजा है लेकिन ग्रामीणों ने उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया और पुलिस को सूचना दे दी, जिससे सच्चाई सामने आ गई।

    जानकारों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती हैं। कई बार पुलिस को सादे लिबास में कार्रवाई करनी पड़ती है, लेकिन ऐसे मामलों से भविष्य में पुलिस कार्रवाई पर संदेह की स्थिति बन सकती है।

    अमन छुट्टी लेकर घर गया था और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े की योजना बनाई। अनुबंध पर प्रतिनियुक्त चालक अमन कुमार का अनुबंध रद करने के लिए वरीय पुलिस अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है। -रवि कुमार राय, थाना प्रभारी, फलका।

    अनुबंध पर नियुक्त चालक अमन कुमार छुट्टी पर था। उसने निजी वाहन से अपने साथियों के साथ पुलिस बनकर घटना को अंजाम दिया। सभी पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। दुकानदार को धमकाने के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है। वाहन से चार बोतल कोडीन कफ सिरप भी बरामद हुई है। -अभिजीत कुमार सिंह, एसडीपीओ, सदर।