कटिहार में पुलिस की अवैध वसूली का खुलेगा राज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड की हो रही जांच
कटिहार में पुलिस द्वारा अवैध वसूली का मामला सामने आया है, जिसकी जांच की जा रही है। इस मामले में कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच हो रही है, जिससे कई ...और पढ़ें

कॉल रिकॉर्ड से खुलेगा अवैध वसूली का राज। फाइल फोटो
आशीष सिंह चिंटू, कटिहार। फलका थाना क्षेत्र में सामने आए चर्चित फर्जी पुलिस और अवैध वसूली प्रकरण में अब जांच की दिशा और गंभीर हो गई है। मामले में थाना चालक के साथ-साथ थानाध्यक्ष की भूमिका भी जांच के घेरे में हैं। इस पूरे प्रकरण की परतें खोलने में मोबाइल की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकार्ड) और व्हाट्सएप चैट अहम कड़ी साबित हो सकती है।
पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने स्वयं सीडीआर जांच की आवश्यकता जताई है। ऐसे में जब तक सीडीआर और डिजिटल साक्ष्यों की रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। हालांकि, इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है। जितनी जुबान, उतनी बातें सुनने को मिल रही हैं।
स्थानीय लोग थानाध्यक्ष की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिना उच्चाधिकारियों की सहमति के थाना का चालक अकेले इस तरह की अवैध वसूली को अंजाम दे, यह गले नहीं उतरता।
हालांकि, थानाध्यक्ष ऐसी किसी सहभागिता को सिरे से खारिज करते हैं। कहा कि चालक अमन कुमार घटना के दिन छुट्टी पर था और उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गलत मंशा से यह कदम उठाया। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है।
व्हाट्सएप चैट से गहराता शक
चर्चाओं पर यकीन करें तो चालक ने दिन के करीब तीन बजे छुट्टी के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद शाम करीब पांच बजे उसने थानाध्यक्ष को व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि वह घर निकल गया है।
बताया जा रहा है कि इससे पहले भी चालक ने लगातार तीन बार थानाध्यक्ष को मैसेज कर फलका और मोरसंडा चौक पर कोडीन सिरप की बड़ी खेप की जानकारी दी थी। इन मैसेजों में एक बार थानाध्यक्ष की ओर से ‘हां’ लिखकर कार्रवाई की सहमति जताने की बात भी सामने आ रही है। इन्हीं तथ्यों ने संदेह को और गहरा कर दिया है।
कोडीन सिरप का हब बनता फलका
कोडीन सिरप के अवैध कारोबार को लेकर फलका थाना क्षेत्र लगातार सुर्खियों में है। थाना क्षेत्र से पूर्व में भी कई शिकायतें पुलिस तक पहुंच चुकी हैं। आरोप है कि कुछ मेडिकल दुकानदार प्रतिबंधित कोडीन सिरप की बिक्री कर युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेल रहे हैं।
फलका स्थित कदमगाछ के पास एक मेडिकल दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गिरफ्तार चालक उससे कई बार मोटी रकम वसूल चुका है। दुकानदार के अनुसार, चालक पहले अपने किसी परिचित को कोडीन खरीदने भेजता था और फिर उसी आधार पर कार्रवाई का डर दिखाकर अवैध उगाही करता था। माना जा रहा है कि इसी पैटर्न पर मोरसंडा में नकली छापेमारी की गई।
सीडीआर जांच के निर्देश दिए जाएंगे। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस की छवि धूमिल करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। -प्रमोद कुमार मंडल, डीआईजी, पूर्णिया

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