Bihar Politics: इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, BJP की राह होगी मुश्किल; RJD बना रहा घेरने की रणनीति
कटिहार के प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। राजद ने भाजपा को घेरने के लिए इशरत प्रवीण को शामिल किया है जबकि कांग्रेस के तौकीर आलम भी मैदान में हैं। पिछले चुनावों में भाजपा की जीत का कारण महागठबंधन में मतभेद रहा है। प्राणपुर में 47% मुस्लिम मतदाता हैं लेकिन भाजपा की जीत पार्टी संगठन और मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन पर निर्भर करेगी।

आशीष सिंह चिंटू, कटिहार। प्राणपुर विधानसभा का चुनाव बेहद करीबी और दिलचस्प मुकाबला की ओर अग्रसर है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले से भाजपा के जीत का रास्ता निकलता रहा है। वर्ष 2010 के चुनाव से 2020 तक चुनाव यहीं दर्शाता है। यद्यपि इस बार राजद ने भाजपा को घेरने के लिए चक्रव्यूह रचा है।
पिछले 2010 व 2015 चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से निकटतम प्रतिद्वंदी और 2020 के चुनाव में निर्दलीय रही इशरत प्रवीण को अपने पाले में कर दाव चला है। इशरत को राजद ने जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है। कांग्रेस से 2020 के चुनाव में दूसरे स्थान और 2015 में तीसरे स्थान पर रहे ताैकीर आलम भी ताल ठोक कर क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।
वर्ष 2015 से इन दोनों के बीच खींचातानी के मध्य से ही भाजपा को जीत का रास्ता मिलता रहा है। ऐसे में महागठबंधन की दाल गल गई और पार्टी का गठजोड़ यदि इनके गले में उतर इन्हें एक मंच पर कर गया तो भाजपा की जीत की राह कठिन हो जाएगी। चुनावी गणित इस ओर इशारा कर रहा है।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की निशा सिंह को 2972 मत जीत मिली थी। भाजपा को 79974 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के तौकीर आलम को 77002 जबकि तीसरे स्थान इशरत प्रवीण ने 19746 मत हासिल किया था।
इसी प्रकार वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा के विनोद कुमार सिंह 8101 वोट से चुनाव जीते थे। इस चुनाव में भी दूसरे स्थान पर एनसीपी से इशरत प्रवीण ने 39823 तथा कांग्रेस से तौकीर आलम 39653 मत हासिल किया था। इस चुनाव में भाजपा को कुल 47924 मत मिला था।
वर्ष 2010 के चुनाव में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर थी। भाजपा के विनोद कुमार सिंह ने मात्र 716 वोट से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भी दूसरे नंबर पर एनसीपी से इशरत प्रवीण ने 42944 तथा तीसरे स्थान पर निर्दलीय से अब्दुल जलील 13925 वोट के साथ रहे।
चुनावी पंडितों की माने तो महागठबंधन में रार से राजग को फायदा मिलता रहा है। फिलवक्त इशरत प्रवीण और तौकीर आलम चुनाव प्रचार में जोरशोर से जुटे हैं। प्राणपुर विधानसभा में 47 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है। बावजूद अब तक केवल एक मुस्लिम मो शकूर को 1980 में कांग्रेस से जीत मिली है।
भाजपा की स्थिति मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन और पार्टी संगठन की मजबूती पर निर्भर करेगी। इधर, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तारिक अनवर को यहां से 11383 के लगभग मत से बढ़त मिली थी। इससे महागठबंधन को आस जगी है।
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में प्राणपुर सीट पर 61.95 प्रतिशत मतदान रिकार्ड हुआ था और भाजपा जीती है। यह दिखलाता कि यहां मुस्लिम मतदाता एकतरफा नहीं हैं।
आंकड़ों की नजर में प्राणपुर विधानसभा का मुकाबला
चुनाव परिणाम
चुनाव वर्ष 2010 (जीत का अंतर: 716 मत)
दल | मत | परिणाम | प्रत्याशी |
---|---|---|---|
बीजेपी | 43660 | विजेता | विनोद कु सिंह |
एनसीपी | 42944 | दूसरा स्थान | इशरत प्रवीण |
निर्दलीय | 13925 | तीसरा स्थान | अब्दुल जलील |
चुनाव वर्ष 2015 (जीत का अंतर: 8101 मत)
दल | मत | परिणाम | प्रत्याशी |
---|---|---|---|
भाजपा | 47924 | विजेता | विनोद कु सिंह |
एनसीपी | 39823 | दूसरा स्थान | इशरत प्रवीण |
कांग्रेस | 39653 | तीसरा स्थान | तौकीर आलम |
चुनाव वर्ष 2020 (जीत का अंतर: 2972 मत)
दल | मत | परिणाम | प्रत्याशी |
---|---|---|---|
भाजपा | 79974 | विजेता | निशा सिंह |
कांग्रेस | 77002 | दूसरा स्थान | तौकीर आलम |
निर्दलीय | 19746 | तीसरा स्थान | इशरत प्रवीण |
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