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    Katihar News: अवैध खनन से महानंदा में बन रहा 'मौत' का कुआं, हर साल दर्जनों परिवार होते विस्थापित

    कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में महानंदा नदी के किनारे अवैध खनन से मौत के कुएं बन रहे हैं जो बाढ़ में जानलेवा साबित होंगे। हर साल कई लोग डूबकर मरते हैं और कई परिवार विस्थापित होते हैं। प्रशासन कार्रवाई करता है लेकिन खनन फिर शुरू हो जाता है। स्थानीय लोगों से सूचना देने की अपील की गई है।

    By Sanjiv Kumar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 13 Jun 2025 02:44 PM (IST)
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    अवैध खनन से महानंदा में बन रहा 'मौत' का कुआं

    संवाद सूत्र, कदवा (कटिहार)। प्रखंड के महानंदा नदी किनारे में अवैध खनन से 'मौत' का कुआं बन रहा है। यह कुआं बाढ़ के दिनों में जानलेवा बन जाएगा। पिछले वर्ष भी ऐसे कुओं में डूबकर बाढ़ में कई जान गई, लेकिन गरीब की मौत गुमनाम रह गई। लोक सेवकों का ध्यान इस ओर नहीं जा सका। इस साल फिर से महानंदा के किनारे पर एक्स्कवेटर से अवैध खुदाई जारी है।

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    इतना ही नहीं, एक्स्कवेटर के माध्यम से खुदाई कर बन रहे कुंड से नदी की धारा भी प्रभावित होकर बांध के किनारे पहुंच जाती है। बाढ़ आने के बाद पानी में लोगों को गहरे कुंड का पता नहीं चल पाता है। लोग अनायास पानी पार करने या स्नान करने के समय गहरे कुंड में चले जाते हैं। जिससे लोगों की डूबने से मौत हो जाती है।

    प्रति वर्ष कदवा प्रखंड में ऐसे कुंड में डूबने से दर्जनों मौत होती है। वहीं कटाव की वजह से पानी का दबाव भी तटबंध की ओर ही जाता है। जिससे कटाव की समस्या उत्पन्न होती है।

    हर वर्ष दर्जनों परिवार होते विस्थापित

    कदवा प्रखंड में प्रति वर्ष नदी कटाव से दर्जनों परिवार विस्थापित होते हैं। क्षेत्र के महीनगर, मुकुरिया, शेखपुरा आदि जगहों में दर्जनों लोग विस्थापन का दंश झेलने को विवश हैं। दो वर्ष पूर्व प्राथमिक विद्यालय महीनगर कटाव की भेंट चढ़ गया था। बावजूद अवैध खनन पर रोक नहीं लग पाया है।

    तटबंध के अंदर के लोग मछली मार भरते पेट

    कदवा में लगभग एक दर्जन पंचायत तटबंध के अंदर निवास करती है। उसमें से दर्जनों गांव वासी का बसावट नदी के किनारे है। उक्त लोग स्नान करने के साथ मछली मारने आदि के लिए नदी में जाते हैं। ऐसे में खनन से बना कुंड जानलेवा साबित हो जाता है।

    कार्रवाई पर रुकता खनन, फिर कुछ दिन बाद पुरानी स्थिति

    कदवा में महानंदा नदी किनारे से मिट्टी काटने का अवैध धंधा वर्ष में छह से सात माह तक चलता है। सुखाड़ के समय क्षेत्र के माहीनगर, शिकारपुर, गमहार गाछी, नाजिरपुर, सिकोरना, मुकुरिया, झौआ, बलिहारपुर, झौआ पुल के नीचे सहित अन्य जगहों पर खनन माफिया द्वारा धड़ल्ले से मिट्टी की कटाई कर बिक्री की जाती है।

    यद्यपि प्रशासन द्वारा बीच बीच में कार्रवाई की जाती है। कुछ दिन के लिए खनन पर अंकुश लगता है। फिर खनन बदस्तूर जारी हो जाता है। अब इसके पीछे का कारण जिम्मेदार ही जाने।

    लगभग एक माह पूर्व कदवा थाना क्षेत्र के महम्मदपुर से विभाग द्वारा अवैध खनन में लगे चार ट्रैक्टर एवं एक एक्स्कवेटर को जब्त किया गया था। उसके पूर्व भी कदवा एवं बलिया बेलोन थाना क्षेत्र में विभाग द्वारा कार्रवाई की गई थी। लेकिन इससे अवैध खनन माफिया के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

    अवैध खनन के विरुद्ध बराबर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है। इस प्रकार की अवैध कार्य की सूचना स्थानीय लोग दें। उस पर कार्रवाई निश्चित होगी। मयंक आशुतोष आनंद अंचलाधिकारी, कदवा