Makhana Ki Kheti: मखाना की खेती को मिलेगा आर्थिक 'कवच', सीमांचल में खुलेगा समृद्धि का द्वार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कटिहार दौरे से मखाना किसानों को फायदा होगा। क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम से मखाना की खेती को आर्थिक मदद मिलेगी जिससे सीमांचल में समृद्धि आएगी। किसान साहूकारों से मुक्त होंगे और उन्हें फसल का उचित मूल्य मिलेगा। ड्रोन की उपलब्धता और जीएसटी में छूट से भी किसानों और कारोबारियों को लाभ होगा। वित्त मंत्री बैंकर्स के साथ बैठक में किसान योजनाओं पर चर्चा करेंगी।

आशीष सिंह चिंटू, कटिहार। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कटिहार आगमन कई मायने में खास होगा। वह अपने साथ क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम का पिटारा लेकर आ रही हैं। केंद्र की इस कवायद से मखाना की खेती को ना सिर्फ आर्थिक कवच मिलेगा, बल्कि सीमांचल में समृद्धि का द्वार भी खुलेगा। क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम आर्थिक बदलाव की बुनियाद साबित हो सकती है।
जानकार बता रहे हैं कि इस वित्तीय कवच के सहारे मखाना वैश्विक स्तर पर भी उंची उड़ान भरेगी। असंगठित रूप से हो रही खेती संगठित हो सकेगा। साथ ही आर्थिक जोखिम कम होने और वित्तीय सहायता के भरोसे मखाना की खेती के रकवा में भी बढ़ोतरी होगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इससे उद्योगों काे भी पंख लगेंगे। नए उद्योग लगेंगे।
यहां जान लें कि सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया में भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक वातावरण मखाना खेती के अनुकूल है। यहां पानी की कमी कभी नहीं होती है जो मखाना खेती के लिए वरदान है। कभी वर्षा जल धोखा देता भी तो जमीन के अंदर का पानी पंपसेट के माध्यम से संकटमोचक बन जाता है।
मखाना खेती व उद्योग में बदलाव का असर सीमांचल के किशनगंज और अररिया पर भी पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां जान लें कि फिलवक्त कटिहार में 12 हजार 900 और पूर्णिया में आठ हजार मैट्रिक टन मखाना का उत्पादन होता है।
बैंक के सहयोग से साहूकारों से मिलेगी मुक्ति:
मखाना किसान प्रवीण पोद्दार, उपेंद्र सिंह, निरंजन मंडल, प्रमोद कुमार, काशी कुमार, दिलीप झा आदि ने बताया कि बैंक द्वारा अपेक्षित सहयोगात्मक रवैया के बाद साहूकारों से मुक्ति मिल जाएगी। इससे कम दाम में फौड़ी या मखाना खेत को ही बेचने की विवशता नहीं रहेगी। फिलवक्त मखाना खेती संरक्षित नहीं है। किसानों को नुकसान की भरपाई खुद करनी पड़ती है। इंश्योरेंस और मुआवजा प्राविधान से किसानों को बल मिलेगा।
ड्रोन की उपलब्धता से किसानों को मिलेगी राहत:
किसान अवधेश ठाकुर उर्फ माेहन ठाकुर एवं अन्य ने बताया कि मखाना की खेती में दवाई का छिड़काव (स्प्रे) करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर तीसरे छिडकांव के समय। अगर सामुदायिक तौर पर ड्रोन की उपलब्धता सस्ते किराए पर उपलब्ध कराए जाए तो छोटे-छोटे किसानों बहुत फायदा होगा। इसके अलावा समर्थन मूल्य और मंडी की उपलब्धता भी आवश्यक है।
जीएसटी में छूट, कारोबारियों की आस:
मखाना से जूड़े कारोबारी निर्मल डोकानिया, मो रईश, मो गुलफराज ने बताया कि प्रारंभिक दिनों में जीएसटी में छूट से मखाना उद्योग की स्थापना में रुझान आएगा। नए-नए कंपनियों के आने से मांग बढ़ेगी। प्रतिस्पर्धा बढ़ने का फायदा सीधे किसानों को मिलेगा। बाजार भी बढ़ेगा।
कारोबारियों ने बताया कि निर्यात के लिए आवश्यक मखाना की गुणवत्ता की जांच की व्यवस्था यहां नहीं है। अभी गुडगांव समेत अन्य प्रदेश में जांच के लिए सैंपल भेजा जाता है। यहां स्थापना होने खर्च और समय की बचत होगी।
वित्त मंत्री का बैंकर्स के साथ खास बैठक:
वित्त मंत्री छिटाबाड़ी के राम दरबार में बैंकर्स के साथ बैठक करेंगी। बैठक में सीमांचल के बैंक के पदाधिकारी शामिल हाेंगे। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पदाधिकारी के साथ किसानी योजनाओं पर मंथन होगा।
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