बिहार में स्मार्ट मीटर योजना ने बढ़ाई मुश्किलें, राष्ट्रपति-सीएम से लेकर राज्यपाल तक पहुंचा मामला
कटिहार में बिहार राज्य ग्रामीण विद्युत फ्रेंचाइजी कर्मचारी संघ ने राजेंद्र स्टेडियम में बैठक की। कर्मचारियों ने स्मार्ट मीटर योजना से प्रभावित होने और बेरोजगारी के खतरे पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से बिजली विभाग में समायोजन या मानदेय पर रखने की मांग की है। उन्होंने अपनी समस्या राष्ट्रपति राज्यपाल मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री तक पहुंचाई है ताकि उनकी आजीविका सुरक्षित रहे।

जागरण संवाददाता, कटिहार। बिहार राज्य ग्रामीण विद्युत फ्रेंचाइजी कर्मचारी संघ के बैनर तले ग्रामीण राजस्व फ्रेंचाइजी कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं एवं जिला कमेटी के गठन को लेकर राजेंद्र स्टेडियम में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता संघ के जिला अध्यक्ष अख्तर अंसारी ने की।
सर्वसम्मति से जिला कमेटी का गठन किया गया। जिसमें संघ की जिम्मेदारी जिला अध्यक्ष अख्तर अंसारी, जिला उपाध्यक्ष सूरज राय, पंकज कुमार, जिला उपसचिव मो. मुनसार, अमन कुमार, संजय कुमार साह, कोषाध्यक्ष मो. अल्ताफ एवं मीडिया प्रभारी फिरोज आलम को सौंपी गई है।
नई जिम्मेदारी मिलते ही संघ के वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2013 से ग्रामीण राजस्व फ्रेंचाइजी योजना के तहत ये कर्मचारी घर-घर जाकर बिजली मीटर रीडिंग, बिल वितरण एवं राजस्व वसूली का कार्य करते आ रहे हैं। लेकिन अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर की योजना का सीधा असर उनके काम पर पड़ रहा है। जहां भी स्मार्ट मीटर लग गए हैं, वहां उनका काम खत्म हो गया है। और शेष जगहों पर भी जल्द ही खत्म हो जाएगा।
अध्यक्ष ने कहा कि हम लोग पिछले 10 वर्षों से पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। लेकिन अब सरकार की नई योजना से हम भुखमरी के कगार पर हैं। हमें बिजली विभाग में रिक्त पदों पर या मानदेय के आधार पर समायोजित किया जाए।
हमने अपनी पीड़ा महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री तक पहुंचा दी है। ताकि इन मेहनती और अनुभवी कर्मचारियों को बेरोजगारी से बचाने के लिए कोई ठोस निर्णय लिया जा सके और उनके परिवारों की आजीविका प्रभावित न हो।
इस अवसर पर मनसफ आलम, रिजाउल आलम, शमशाद आलम, रोबिन कुमार, राहुल कुमार, हरिओम कुमार, बादल राही, सरफराज आलम, नवीद आलम आदि उपस्थित थे।
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