कटिहार का सरकारी स्कूल दे रहा है कॉन्वेंट को मात, रेल की शक्ल में क्लासरूम; सीढ़ियों पर गणित का ज्ञान
कटिहार के अमदाबाद प्रखंड में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहाड़पुर अपनी आधुनिक सुविधाओं के कारण चर्चा में है। स्कूल में क्लासरूम को रेल के कोच की तरह ...और पढ़ें

भारतीय रेल की तरह रंगे उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहाड़पुर के कक्ष। (जागरण)
संवाद सूत्र, अमदाबाद (कटिहार)। अगर आप सरकारी विद्यालयों की बदहाली की खबरें पढ़कर ऊब चुके हैं तो कटिहार के अमदाबाद प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहाड़पुर आपकी धारणा बदल देगा।
महानंदा बांध के किनारे स्थित यह स्कूल आज अपनी आधुनिक सुविधाओं और नवाचार के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है।
निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं
इस सरकारी स्कूल का जज्बा ही अलग है इस विद्यालय परिसर में कदम रखते ही आपको एक अलग दुनिया का अहसास होगा। यहां की व्यवस्था किसी महंगे प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है। स्कूल की कई विशेषताएं हैं जो इसे अलग पहचान देती है।
चलती-फिरती रेल सा अहसास
स्कूल के कई क्लासरूम को भारतीय रेल के कोच की तरह रंगा गया है, जो बच्चों के आकर्षण का केंद्र है। साथ ही क्लासरूम का नामकरण भारतीय मूल की दिवंगत अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर किया गया है।
सीढ़ियों पर शिक्षा
यहां सीढ़ियां सिर्फ चढ़ने के काम नहीं आतीं बल्कि ज्ञान भी बांटती हैं। सीढ़ियों पर अलजेब्रा के सूत्र और गणितीय आकृतियां उकेरी गई हैं ताकि बच्चे खेलते-कूदते भी पढ़ाई कर सकें।
टेक्नोलॉजी और सुरक्षा
पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है। शिक्षकों की निगरानी और बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ यहां 40 इंच की स्मार्ट टीवी पर स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों की पढ़ाई होती है।
विरासत और कला
स्कूल में बापू की प्रतिमा, अशोक स्तंभ, भारत का नक्शा और पुराने युद्ध टैंक की सीमेंट से बनी आकृतियां बच्चों को इतिहास और देशभक्ति से जोड़ती हैं।
ईमानदारी का पाठ और नेकी का गुल्लक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद वसीम रजा के प्रयासों ने इस स्कूल को नई पहचान दी है। उनका मानना है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
बताया कि बच्चों में ईमानदारी के संस्कार डालने के लिए नेकी का गुल्लक शुरू किया है। साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए हर सप्ताह नाखून जांच और हैंडवॉश के लिए प्रेरित किया जाता है।
एक सामूहिक प्रयास की मिसाल
स्कूल के प्रधानाध्यापक और सभी शिक्षकों की टीम वर्क का ही नतीजा है कि आज इस सुदूर इलाके का स्कूल एक मॉडल के रूप में उभरा है। यहां के बच्चे न केवल किताबी ज्ञान ले रहे हैं बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।
प्रधानाध्यापक रजा ने बताया कि विद्यालय में 18 शिक्षक एवं 1084 छात्र छात्राएं हैं। बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में जिले के साथ ही सूबे में विद्यालय की अलग पहचान बन सके इसे लेकर निष्ठापूर्वक पूरी मेहनत कर रहे हैं।

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