कटिहार में दूध पीने लगे नंदी और गणेश! इस शिव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, जानिए क्या है सच्चाई
कटिहार के हरनागर शिव मंदिर में गणेश और नंदी प्रतिमाओं द्वारा दूध पीने की अफवाह फैलने से भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्होंने मूर्तियों को दूध पीते देखा। विज्ञान शिक्षक अंकित कुमार ने इसे केशिका क्रिया और पृष्ठ तनाव जैसे वैज्ञानिक कारणों से होने वाला भ्रम बताया है।

संवाद सूत्र, आजमनगर(कटिहार)। प्रखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध हरनागर शिव मंदिर में शुक्रवार सुबह एक अनोखी घटना को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों का दावा है कि मंदिर परिसर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति और नंदी की प्रतिमा ने दूध पीना शुरू कर दिया।
यह खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और देखते ही देखते मंदिर में हजारों की भीड़ जुट गई। लोगों ने श्रद्धा और आस्था के साथ लाइन में लगकर दूध चढ़ाया और वीडियो बनाते नजर आए। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में इसे लेकर गहरी आस्था दिखाई दी।
ग्रामीण रणजीत कुमार ने बताया कि सुबह मंदिर की सफाई के दौरान किसी ने जब गणेश प्रतिमा को दूध चढ़ाया, तो वह धीरे-धीरे कम होने लगा। इसके बाद कई लोगों ने प्रतिमा के मुंह से दूध गायब होते देखा और इसे चमत्कार मानकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया।
क्या है सच्चाई
कुछ शिक्षित युवाओं और स्थानीय बुद्धिजीवियों ने इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की अपील की। विज्ञान शिक्षक अंकित कुमार का कहना है कि यह घटना पृष्ठ तनाव और केशिका क्रिया जैसे भौतिक कारणों से भी हो सकती है। जिसका भ्रम दूध के पीने जैसा प्रतीत होता है।
केशिका क्रिया एक भौतिक प्रक्रिया है, जिसमें तरल पदार्थ किसी संकरी जगह में ऊपर की ओर चढ़ता है। जब दूध को मूर्ति के संपर्क में लाया जाता है, तो केशिका क्रिया के कारण दूध मूर्ति की सतह पर चढ़ जाता है और लोगों को ऐसा लगता है कि मूर्ति दूध पी रही है।
इस घटना ने क्षेत्र में आस्था और अंधविश्वास के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर लोग इसे ईश्वर का संकेत मानकर पूजा-अर्चना में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इस पर तथ्यों के साथ सोचने की बात कर रहे हैं।
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