Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Makhana Farming: बिहार के इस जिले में बढ़ी मखाना की खेती, किसान कमा रहे बंपर मुनाफा; इतने दिन में हो जाता है तैयार

    किसानों का रूझान मखाना खेती की ओर तेजी से हुआ है। मखाना की खेती को किसानों ने अपने जीविकोपार्जन का आधार बनाया है। पिछले वर्ष भी मखाना का बाजार भाव ठीक रहने के कारण किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ। इस बार भी मखाना खेती का रकवा बढा है। अमूनन मखाना फसल के पौधे की बोआई फरवरी से मार्च माह की बीच की जाती है।

    By Neeraj Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 07 Mar 2024 03:07 PM (IST)
    Hero Image
    मखाना खेती की ओर बढ़ा किसानों का रूझान

    संवाद सूत्र बरारी (कटिहार)। केला में पनामा बिल्ट बीमारी के प्रकोप के बाद किसानों का रूझान मखाना खेती की ओर तेजी से हुआ है। मखाना की खेती को किसानों ने अपने जीविकोपार्जन का आधार बनाया है। बरारी प्रखंड क्षेत्र के रौनिया, पूर्वी बारीनगर, भंडारतल, भैसदीरा, जगदीशपुर, सुजापुर, शिशिया, सिक्कट, कांतनगर आदि पंचायतो के निचले व जल जमाव वाले खेतों में मखाना की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले वर्ष भी मखाना के गुड़िया का बाजार भाव ठीक रहने के कारण किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ। इस बार भी मखाना खेती का रकवा बढा है। अमूनन मखाना फसल के पौधे की बोआई फरवरी से मार्च माह की बीच की जाती है।

    मखाना की फसल तैयार होने में सात से आठ माह का समय लगता है। प्रति एकड़ किसानों को एक लाख से अधिक का मुनाफा हो जाता है। धान, गेहूं की खेती में लागत की अपेक्षा मुनाफा कम होने से अब मखाना की खेती की ओर किसानों का रूझान हुआ है।

    यह भी पढ़ें-

    'लालू जी इस उम्र में भी...', Rohini Acharya ने अपने ही पिता के लिए क्यों कह दिया ऐसा, अब BJP से फिर ठनेगी

    Bihar Politics: लोकसभा चुनाव में कैसे बढ़ेगी महिलाओं की सहभागिता? गिनती के 7-8 नामों तक सिमट जाती है भागीदारी