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    Bihar News: कटिहार में दिख रहा चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर, किसान को सताने लगा फसल बर्बाद होने का डर

    By Rajeev ChoudharyEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Thu, 07 Dec 2023 04:22 PM (IST)

    Bihar News चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर से पिछले दो दिनों से लगातार बूंदाबांदी हो रही है। टिप टिप बारिश होने से खेत खलिहान में धान भींगने से किसान चिंतित हैं। हलांकि हो रही बूंदाबांदी से गेंहू व मक्का की फसल को लाभ होगा। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बूंदाबांदी से फसलों को कोई खास नुकसान नहीं है।

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    चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर से कटिहार बुरी तरह प्रभावित (जागरण)

    संवाद सूत्र, कदवा(कटिहार)। चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर से पिछले दो दिनों से लगातार बूंदाबांदी हो रही है। टिप टिप बारिश होने से खेत खलिहान में धान भींगने से किसान चिंतित हैं। हलांकि हो रही बूंदाबांदी से गेंहू व मक्का की फसल को लाभ होगा। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बूंदाबांदी से फसलों को कोई खास नुकसान नहीं है।

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    अधिकांश किसानों ने अपने धान की फसल को तैयार कर लिया है। बुधवार को अचानक मौसम में परिवर्तन के साथ लगातार वर्षा की बूंदे गिरने की वजह से अगहनी धान की तैयार फसल भींगने से किसान चिंतित हैं। प्रखंड क्षेत्र में इस वर्ष धान की अच्छी पैदावार हुई है।

    धान की अच्छी उपज देख किसान फूले नहीं समा रहे थे। मजदूरों की कमी के कारण धान की तैयारी में विलंब भी हो रहा है। कदवा प्रखंड क्षेत्र में लगभग 25 प्रतिशत धान की फसल खेत खलिहान में अब भी है। वहीं किसान धान के पुआल का भी भंडारण नहीं कर पाए हैं।

    धान के पुआल का उपयोग पशु चारा के रूप में किया जाता है। अमूमन इस मौसम में वर्षा नहीं होती है। किसान आराम से धान की तैयारी करते हैं। वर्षा को देख किसान खेत एवं खलिहान में धान के गठ्ठर का ढ़ेर लगा रहे हैं । जिससे वर्षा से फसलों को भींगने से बचाया जा सके।

    वहीं पुआल को भी भीगने से बचाने के अभियान में लगे हुए हैं। लेकिन निचले खेतों में जल जमाव होने से व्यापक नुकसान की संभावना किसानों के चेहरे पर बल ला दिया है।

     क्या कहते किसान  

    भर्री के किसान धर्मेंद्र नाथ ठाकुर ने बताया कि धान को कुछ नुकसान हुआ है। लोगों के खेतों में रखी धान की फसल भींग रही है । वहीं पशु चारा के भींगने से किसानों को परेशानी हो रही है। कुम्हरी के किसान सैदुर रहमान ने बताया कि खेत एवं खलिहान में काफी धान रखी हुई है।

    अचानक मौसम के बदलाव ने किसानों के समक्ष मुसीबत पैदा कर दिया है । जबकि किसान मनोज मंडल ने कहा कि बिन मौसम वर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दिया है ।इस वर्ष धान की अच्छी पैदावार हुई है । लेकिन वर्षा में फसलों के भींगने से नुकसान हो रहा है ।

    वहीं चौकी के किसान तोशीफ आलम ने कहा कि निचले इलाकों के खेतों में रखी फसल को समेटने में कठिनाई हो रही है। अगर इसी तरह बूंदाबांदी होती रही तो नुकसान अधिक होगा।

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