ध्रुव कुंडू की शहादत पर टाक शो, ताजा हुई स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां
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कटिहार। रेलवे कैंपस के स्काउट गाइड कार्यालय परिसर में मैं कटिहार हूं डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माता व निदेशक आलोक कुमार के नेतृत्व में ध्रुव कुंडू की शहादत और कटिहार के उन सभी वीर शहीदों के बारे में जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया पर एक टॉक शो का आयोजन किया गया। इसका संयोजन रितेश ठाकुर ने किया। शो में मुख्य अतिथि के रुप में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के पूर्व सदस्य राज्य संसाधन समूह एवं शहीद नक्षत्र मालाकार के पौत्र बिमल मालाकार, प्रदीप कुमार भट्टाचार्य, डा. गंगासागर दीनबंधु, कृष्णानंद यादव, विकास कुमार, करण कुमार और अजय कुमार थे। इस तरह पड़ा था शहीद चौक का नाम श्री मालाकार ने बताया कि नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने जब ''करो या मरो '' का नारा दिया तो उस आंदोलन की आग कटिहार भी पहुंची।जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ,छात्र-छात्राओं, साहित्यकारों,रंगकर्मियों के नेतृत्व में आन्दोलन शुरू हुआ। 13 अगस्त 1942 को कटिहार नगर के मुंसिफ कोर्ट में तिरंगा झंडा फहराने के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने रजिस्ट्री ऑफिस कटिहार में आग लगा दिया। यहां से काफिला कटिहार थाना की ओर कूच किया। नक्षत्र मालाकार के नेतृत्व में थाना के पूर्वी गेट पर हमला हुआ। वहीं कांग्रेस नेता डॉ. किशोरी लाल कुंडू के सुपुत्र महेश्वरी एकेडमी कटिहार के आठवीं कक्षा के छात्र क्रांतिकारी ध्रुव कुंडू के नेतृत्व में महेश्वरी एकेडमी कटिहार से छात्रों का जत्था गगनभेदी नारे लगाते हुए थाना के मुख्य द्वार पर पहुंच गया। छात्रों का हुजूम थाना के अंदर प्रवेश करना चाहता था। इस बीच जूटमिल मजदूर यूनियन के नेता रामाशीश सिंह के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों का जत्था भी मुख्य गेट पर पहुंच गया। पुलिसकर्मी आंदोलनकारियों को रोकने में विफल हो रहा था। पूर्णिया सदर अनुमंडल के एसडीएम मणीभूषण मुखर्जी ने गोली चलाने का आदेश पुलिस को दे दिया। अंधाधुंध गोलियां चली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामाशीश सिंह, रामाधार सिंह, कलानन्द मंडल, बिहारी लाल साह, दामोदर साह को कई गोलियां लगी, वे वहीं शहीद हो गए। ध्रुव कुंडू को दाहिने जांघ में गोली लगी। 13 वर्षीय ध्रुव कुंडू बेहोश हो गया, उसे इलाज के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां अत्यधिक खून बह जाने के कारण वे शहीद हो गए। नक्षत्र मालाकार के भी पैर में गोली लगी। उन्होंने अपनी गोली खुद निकाली। तब से शहीद ध्रुव कुंडू,रामाशीष सिंह, रामाधार सिंह, कलानन्द मंडल, दामोदर साह, बिहारी लाल साह की याद में नगर थाना चौक का नाम शहीद चौक हो गया। श्री मालाकार ने कहा कि मैं कटिहार हूं आने वाली पीढ़ी के लिए एक बढि़या दस्तावेज होगा।
प्रदीप कुमार भट्टाचार्य ने ध्रुव कूंडू के शहीद गाथा पर चर्चा करते हुए मैं कटिहार हूं की टीम को साधुवाद दिया। डा. दीनबंधु ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी केवल अंग्रे•ाों, सामंतों से ही नहीं लड़ते थे बल्कि सामाजिक बुराइयों, रूढि़यों से भी लड़ते थे। मैं कटिहार हूं के आलोक कुमार ने शहीदों की शौर्य गाथा के पहले एपिसोड में क्रांतियोद्धा नक्षत्र मालाकार, दूसरे एपिसोड में ध्रुव कुंडू की शहादत और तीसरे एपिसोड में कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु के बारे में दस्तावेजी फिल्म बनाया जा रहा है। टॉक शो का संचालन, संयोजन रितेश ठाकुर ने किया जबकि छायांकन, वीडियोग्राफी दीपांशु आर्यन ने किया।