Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की बिछने लगी बिसात, एक दल से कई दावेदार; इस सीट पर लड़ाई दिलचस्प
चुनाव करीब आते ही कदवा विधानसभा क्षेत्र में संभावित प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ गई है। बाढ़ और पलायन यहां की मुख्य समस्याएं हैं जिनका समाधान नहीं हो पाया है। कांग्रेस विधायक के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और कई दलों से कई दावेदार मैदान में हैं जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति है। देखना होगा कि टिकट किसे मिलता है।

संजीव मिश्रा, कदवा (कटिहार)। चुनाव निकट आने के साथ ही कदवा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ गई है। एक-एक दल से कई दावेदार जनता के बीच पहुंच कर अपनी बात रखते हुए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने लगे हैं। एक ही दल से कई दावेदारों के होने की वजह से अभी मतदाता भी कन्फ्यूजन में है।
तीन लाख तीन हजार 574 मतदाता वाले कदवा विधानसभा की मुख्य समस्या बाढ़ एवं पलायन है। इसके निदान की दिशा में तीन दशकों से कोई समाधान नहीं हो पाया है। हालांकि, क्षेत्र में पुल-पुलिया एवं सड़कों का निर्माण तो हुआ है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में कदवा पिछड़ा ही है।
रैयापुर घाट में महानंदा पर पुल नहीं बनने के साथ महानंदा में प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ का निदान नहीं हो पाया है। कृषि एवं मजदूरी आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्र में कोई उद्योग धंधा नहीं होने की वजह से रोजगार के लिए पलायन करना लोगों की मजबूरी है। इन सब समस्याओं से जुदा संभावित प्रत्याशी बदलाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन विजन नहीं समझा पा रहे।
बता दें कि गत दो विधानसभा से यहां से डॉ. शकील अहमद खान कांग्रेस से विधायक हैं। एंटी इनकम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) देखने को मिल रही है। स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी जोर-शोर से चल रहा है। सिटिंग विधायक होने की वजह से उनके खिलाफ दल से कोई प्रतिद्वंदी नजर नहीं आ रहा है, लेकिन स्थानीय उम्मीदवार को मुद्दा बनाकर राजद प्रखंड अध्यक्ष सुरेश यादव ताल ठोक रहे हैं।
वहीं, पिछले चुनाव में जदयू के खाते में गई सीट पर पराजित उम्मीदवार सूरज प्रकाश राय, लोकसभा चुनाव में जदयू का दामन थामने वाले पूर्व राज्य मंत्री हिमराज सिंह, जिला परिषद सदस्य आशा सुमन, जदयू प्रखंड अध्यक्ष बिजय दास, मु मनोव्वर आदि भी ताल ठोक रहे हैं।
भाजपा की ओर से 2015 में प्रत्याशी रहे चंद्रभूषण ठाकुर भी क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखने के अभियान में जुटे हैं। भाजपा से ही मनोज मंडल, अशोक मेहता, बिपीन साह, रवि साह, प्रेम प्रकाश चौधरी भी बायोडाटा जमा कर टिकट की दावेदारी करते हुए जनसंपर्क अभियान में जुटे दिख रहे हैं।
जन सुराज से एम आरहक, शहरयार, पूर्व बीडीओ हसीबुर रहमान आदि भी एड़ी चोटी लगा रहे हैं। कई संभावित निर्दलीय ही चुनाव अखाड़े में कूदने के मूड में है।
क्षेत्र में एक ही दल से कई-कई दावेदारों के जनसंपर्क से मतदाता अभी कन्फ्यूजन में हैं। बावजूद सभी के हां में हां मिला रही है। बहरहाल, टिकट किसे मिलता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल एक अनार सौ बीमार वाली कहावत कदवा में देखने को मिल रही है।
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