Bihar News: सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए मांगे 2500 रुपये... दर्द से तड़पती गर्भवती को देखने नहीं आए डाक्टर, जच्चा-बच्चा की मौत
Bihar News बिहार के कटिहार में सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पहुंची महिला से 2500 रुपये की मांग की गई। पैसे नहीं देने पर दर्द से तड़पती गर्भवती को डाक्टर देखने नहीं आए। जिससे जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। आक्रोशित स्वजन के बवाल के बाद सिविल सर्जन ने कार्रवाई करते हुए प्रसव कक्ष में तैनात कर्मियों को हटा दिया है।
संवाद सहयोगी, कटिहार। Bihar News कटिहार के सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला की दर्दनाक मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को उजागर किया है। लप्पी देवी को प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया था, लेकिन चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण उसे समय पर चिकित्सा नहीं मिल सकी। दर्द से तड़पती महिला और उसकी दो वर्षीया बेटी की करुण पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। अंततः, महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
स्वजन का कहना है कि अस्पताल में दो घंटे तक महिला को प्रसव के लिए इंतजार कराया गया, जबकि चिकित्सक और नर्स मौजूद नहीं थे। अस्पताल के कर्मियों ने बेड खाली न होने का बहाना बनाया और समय पर उपचार नहीं किया। लप्पी देवी की सास ललिता देवी ने बताया कि उनकी बहू को समय पर प्रसव नहीं कराया गया, जिससे उसकी जान चली गई। स्वजन ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मियों ने 2500 रुपये की मांग की थी, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
इस घटना के बाद स्वजन ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। नगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित स्वजनों को शांत कराया। सदर अस्पताल में यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है। पहले भी कई मौतें हो चुकी हैं, लेकिन जांच समितियों की रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं हुई।
इस मामले में सिविल सर्जन डा. जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि प्रसव कक्ष में तैनात कर्मियों को हटा दिया गया है और जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों और नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
झाड़-फूंक के चक्कर में 10 वर्षीय बच्चे की मौत
सहरसा के बसनही थाना क्षेत्र के महुआ सिंगारपुर वार्ड संख्या 11 में बुधवार को सर्पदंश से एक 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई। स्वजन ने बताया कि चंदन विश्वास का पुत्र बाबुल कुमार सुबह करीब आठ बजे अपने घर में खेलने का सामान खोज रहा था। उसी दौरान उसकी अंगुली में जहरीले सांप ने डंस लिया। जैसे ही स्वजन को इसकी जानकारी मिली, वे तुरंत बच्चे को झाड़-फूंक कराने ले गए।
जहरीले सर्प के डंसने के बाद नहीं ले गए अस्पताल
झाड़-फूंक करवाकर बच्चे को उन्होंने घर में छोड़ दिया। इसके बाद लोग मवेशी का चारा काटने चले गए। जब दोपहर एक बजे मवेशी का चारा लेकर लोग घर आए तो बच्चा घर में बेहोशी हालत में पड़ा था। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता मजदूरी करने पंजाब गए हुए हैं। मृतक दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़ा था। थानाध्यक्ष कुलवंत कुमार ने बताया कि जहरीले सांप के काटने से बच्चे की मौत की सूचना मिली है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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