कैमूर में आवारा कुत्तों का आतंक, राहगीर और मवेशी सुरक्षित नहीं, एंटी-रेबीज वैक्सीन की खपत बढ़ी
कैमूर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। ये कुत्ते राहगीरों और मवेशियों पर हमला कर रहे हैं, जिससे कई लोग घायल हो रहे हैं और पशुओं की मौत हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है, और प्रशासन कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने में विफल रहा है। अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन की मांग बढ़ गई है, और लोग प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

कैमूर में आवारा कुत्तों का आतंक
संवाद सूत्र, रामपुर। आवारा कुत्ते राहगीरों के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं। रात के अंधेरे में बाइक और कार के पीछे दौड़ने वाले कुत्ते अब दिन में भी हमला करने लगे हैं। क्षेत्र का शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां इनकी दहशत न हो।
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मनुष्यों के साथ-साथ मवेशी भी कुत्तों के काटने से जख्मी हो रहे हैं। प्रखंड में प्रतिदिन पालतू जानवर कुत्तों के काटने से जख्मी हो रहे हैं। पालतू जानवरों में सबसे ज्यादा बछड़ा और बकरियों को कुत्ते शिकार बना रहे हैं।
आधा दर्जन से अधिक पशुओं की मौत
अब तक कुत्तों के हमला से लगभग आधा दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गई है। जबकि एक दर्जन से अधिक पशु घायल हो गए हैं। वहीं सड़क पर चलने वाले राहगीर परेशान हैं। गांव समेत आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक है।
प्रशासन इन कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से असफल है। ग्रामीणों क्षेत्रों में भी लोग अब कुत्ताें की देखरेख और खाना की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। इसके कारण भोजन के लिए कुत्ते आक्रामक होते जा रहे हैं।
हर दिन 2-3 नए मरीज
क्षेत्र में इनका आतंक कितना है इसकी गवाही सीएचसी के आंकड़े देते हैं। सीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सीन की खपत प्रतिमाह 100 से 150 से अधिक है। प्रतिदिन अस्पताल में दो से तीन नए मरीज पहुंचते हैं। क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे कुत्तों के हमलों से आजिज आए लोग प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुके हैं पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
इससे क्षेत्र में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है, जो आने वाले समय के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. रमेश कुमार ने भी स्वीकार किया कि क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक है। प्रतिदिन दो चार नए मरीज अस्पताल में आते हैं। एंटीरेबीज वैक्सीन हमेशा उपलब्ध रहता है।

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