पिता के नाम की संपत्ति को अब नहीं बेच सकेगा पुत्र, जमाबंदी अनिवार्य
अब तक परिवार बंटवारा रजिस्ट्रेशन स्वैिछक था। अब यह दो अक्टूबर से अनिवार्य हो जाएगा। ...और पढ़ें

अब तक परिवार बंटवारा रजिस्ट्रेशन स्वैच्छिक था। अब यह दो अक्टूबर से अनिवार्य हो जाएगा। इससे बगैर बंटवारे के जमीन खरीद- बिक्री बंद हो जाएगी। इससे पिता के नाम की संपत्ति को पुत्र नहीं बेच सकेगा। ऐसा करने के लिए उसे जमाबंदी कराना होगा। हालांकि इससे सरकार के राजस्व में खासा नुकसान होगा। इससे जमीन के रजिस्ट्री के आंकड़ों का ग्राफ भी गिरेगा। अभी तक लोगों को नए नियम के बारे में जानकारी नहीं हुई है, लेकिन यह नियम पूरे राज्य में दो अक्टूबर से लागू हो जाएगा। जहां परिवार के संपत्ति का बंटवारा कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा। अभी यह है व्यवस्था
वर्तमान में पुरानी जमाबंदी के आधार पर जमीन की खरीद- बिक्री होती थी। इसमें जमीन के प्लॉट पिता के नाम से होते थे। पिता के नाम पर पुत्र भी जमीन को बेच सकता था। इसके लिए जमीन की मालगुजारी जमा कर अपडेट रसीद विक्रेता के पास होनी चाहिए। साथ ही पैन व आधार कार्ड अपेक्षित है। नई व्यवस्था है जटिल
नई व्यवस्था में परिवार के मुखिया के नाम से जमीन का रिकॉर्ड होने पर पुत्र जमीन का बिक्री नहीं कर पाएगा। इसके लिए जितने परिवार के सदस्य है, उन सभी के नाम रिकॉर्ड में होना अनिवार्य है। यानी परिवार में बंटवारा होना जरूरी है। जितने भाई है या उन सभी के नाम से प्लॉटवार नाम दर्ज होना चाहिए। जिन परिवार का मुखिया जीवित है वहां पिता की सहमति से जमीन का बंटवारा होना आवश्यक है। इसमें पिता का भी एक हिस्सा होगा। उनके निधन की स्थिति में ही भाई आपस में बंटवारा कर सकते हैं। इसके लिए निबंधन कार्यालय में पंजीयन करा सकते हैं। परिवार के सभी सदस्यों का होना अनिवार्य
आज के दौर में परिवार में चार भाई है तो जमीन के बंटवारा में सभी चारों को उपस्थित होना अनिवार्य है। इसका परिणाम दूरगामी होगा। साथ ही भविष्य में जमीनी विवाद आदि में भी कमी आएगी। वहीं इस नियम के आ जाने से पिता की संपत्ति को बेटा नहीं बेच पाएगा। पूर्व में ऐसे कई मामले आए है। जिसमें एक बाप के तीन संतान है। उसमें से एक ने जमीन बेच दी और शेष दो भाइयों को पता होने पर कोर्ट का चक्कर लगाना होता था। फर्जीवाड़ा पर लगेगी लगाम
अब जब तक अपने नाम से संपत्ति नहीं रहेगी तो उसका खरीद बिक्री नहीं होगी। जिससे एक ओर फर्जीवाड़ा रुकेगा। साथ ही कोर्ट में ऐसे कई मामले लंबित पड़े हुए है। जिसमें कोर्ट में जमीनी मामले अधिक देखे जाते है। नए नियम से जिले में जमीन संबंधित मामले भी कमी आएगी। और कोर्ट पर केस का भी बोझ कम पड़ेगा। सरकार के नए नियम से जमीनी विवादों में कमी आएगी। साथ ही विवाद वाली जमीन के खरीद बिक्री में भी कम होगी। साथ ही सरकारी, गैर मजरूआ, खासमहाल, भूदान आदि जमीन की भी खरीद बिक्री नहीं हो सकेगी। बंटवारे का रजिस्ट्रेशन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक काफी कम प्रतिशत में परिवारों के द्वारा बंटवारा का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। जबकि सरकार के नियम के मुताबिक सौ रुपये के स्टांप पर भी परिवार के सहमति से बंटवारा हो सकता है। इस नियम तक का लोगों ने काफी कम संख्या में लोगों ने लाभ उठाया है। क्या कहते हैं पदाधिकारी- राज्य सरकार का नया नियम दो अक्टूबर से लागू हो जाएगा। जिसमें जिसके नाम से संपत्ति होगी वही खरीद बिक्री करेंगे। वहीं परिवार में बंटवारा का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
- अजय कुमार, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी

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