Bihar News: देवहलिया में 16 से 18 अगस्त तक होगा झूलन उत्सव, तैयारियां अंतिम चरण में
रामगढ़ के देवहलियां में तीन दिवसीय श्रीकृष्ण झूलनोत्सव की तैयारी ज़ोरो शोरो से चल रही है। 16 अगस्त को शुरू होने वाले इस उत्सव में वाराणसी के मानस मंदिर की तरह विद्युत चालित झांकियां होंगी। बाल संघ समिति के सदस्य दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं। श्रद्धालु कृष्ण और राधा के नारों के साथ मेले का आनंद लेंगे जो 18 अगस्त तक चलेगा।
जागरण संवाददाता, रामगढ़। प्रखंड क्षेत्र के देवभूमि देवहलियां में तीन दिवसीय श्रीकृष्ण झूलनोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है। बाल संघ समिति के सदस्य दिन-रात झूलनोत्सव को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। तीन दिवसीय झूलनोत्सव का उद्घाटन 16 अगस्त को होगा। यह झूलनोत्सव 18 अगस्त तक चलेगा।
बता दें कि देवहलियां के झूलनोत्सव में वाराणसी के मानस मंदिर की तर्ज पर 50 से अधिक सुंदर विद्युत स्वचालित झांकियां सजाई जाएंगी। मेला तीन दिनों तक चलेगा। इस दौरान जय श्रीकृष्ण और राधे-राधे के नारों से देवहलियां गूंजता रहेगा। खास बात यह है कि मेले का रंग भी इस झूलनोत्सव के अनुरूप है। देर रात तक श्रद्धालु झूलनोत्सव में सुंदर झांकियों को देखते हुए मेले का आनंद उठाते हैं।
बाल संघ समिति के अध्यक्ष सुदर्शन कुशवाहा, उपाध्यक्ष कृष्णा शर्मा, मुख्य कार्यकर्ता व सरपंच भोला शर्मा व मुखिया प्रतिनिधि बाबूलाल यादव ने बताया कि झूलनोत्सव में वाराणसी के मानस मंदिर की तर्ज पर विद्युत चालित स्वचालित झांकियां आकर्षण का केंद्र होंगी। इन झांकियों में विराजमान मूर्तियों का निर्माण स्थानीय कलाकार अनिल राम, अरुण राम व मुंशी राम ने किया है।
झांकियों में देवी-देवताओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित लीलाओं की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। सदस्यों ने बताया कि झूलनोत्सव में देशभक्ति से जुड़ी झांकियां भी देखने को मिलेंगी।
मुख्य झांकियों में कारागार में श्रीकृष्ण का जन्म, कंस वध, रास रचाते कन्हैया, कालियानाग का वध करते श्रीकृष्ण, माता यशोदा द्वारा ओखली में बंधे कान्हा, गाय चराते कृष्ण, पूतना का वध करते कृष्ण, बांसुरी बजाते कृष्ण के अलावा भगवान शिव, विष्णु, श्रीराम की लीलाओं से जुड़ी झांकियां शामिल हैं। इन झांकियों के दर्शन व पूजन के बाद श्रद्धालु सुखी व समृद्ध जीवन की कामना करेंगे।
बाल संघ के कलाकारों ने बताया कि रामलीला मैदान के मुख्य मंच पर नंद बाबा का भवन बनाया जाएगा जहाँ पहली बार द्वापर युग के योग में रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मेले में बिहार और अन्य राज्यों की दुकानें भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी। सदस्यों ने बताया कि लोग दरभंगा के गोल चरखे, नाव चरखे, रेल चरखे और झूले का भी आनंद ले सकेंगे।
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