पीड़ित महिलाओं के लिए वरदान बना सखी वन स्टॉप सेंटर, 24 घंटे के अंदर निपटाए जाते हैं ये मामले
सखी वन स्टॉप सेंटर हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रहा है। यह केंद्र चिकित्सीय मनोसामाजिक कानूनी सहायता और प्राथमिकी दर्ज कराने में मदद करता है। केंद्र सरकार की मदद से यह 24 घंटे सेवा में तत्पर है। अब तक घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न यौन शोषण और बाल विवाह से जुड़े कई मामलों का निपटारा किया गया है। यह सेंटर पीड़ितों के लिए वरदान है।

जागरण संवाददाता, भभुआ। सखी वन स्टॉप सेंटर विभिन्न प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस केंद्र के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सीय सहायता, मनोसामाजिक परामर्श, प्राथमिकी में सहायता, घरेलू हिंसा की सूचना के साथ कानूनी सहायता उपलब्ध कराना केंद्र का मुख्य उद्देश्य है। पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे सेवा में तत्पर है।
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता भी दी गई है। सखी वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक कुमारी विनीता गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की देखरेख में महिला वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए केंद्र का संचालन 24 घंटे किया जा रहा है। सामाजिक पुनर्वास कोष के माध्यम से जिले की आठ महिलाओं को वित्तीय वर्ष 2024-25 में दस से 15 हजार की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई है।
केंद्र प्रशासक ने बताया कि केंद्र के संचालन से अब तक घरेलू हिंसा के 788 मामले आए हैं, जिसमें से 647 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। अभी भी 141 मामले लंबित हैं। दहेज उत्पीड़न के 59 मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 39 मामलों का निपटारा कर दिया गया और 20 मामले लंबित हैं।
यौन शोषण के 18 मामले प्राप्त हुए। सभी मामलों का निपटारा कर दिया गया। छेड़छाड़ के भी सभी मामलों का निपटारा कर दिया गया है। केंद्र पर इंटरनेट मीडिया से संबंधित 24 मामले प्राप्त हुए। इनमें से 21 मामलों का निपटारा कर दिया गया है। तीन मामले लंबित हैं।
बाल विवाह से संबंधित सात मामले सखी वन स्टॉप सेंटर में आए, सभी मामलों का निपटारा कर दिया गया। केंद्र प्रशासक ने बताया कि सखी वन स्टॉप सेंटर में 95 अन्य प्रकार के मामले भी आए। जिनमें से 80 मामलों का निपटारा कर दिया गया है।
बता दें कि घरेलू हिंसा पीड़ितों में सबसे बड़ा समूह महिलाएं हैं। हालांकि, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग भी घरेलू हिंसा का शिकार हो सकते हैं। घरेलू हिंसा समाज के सभी स्तरों और जनसंख्या समूहों में होती है। सखी वन स्टॉप सेंटर पीड़ितों के लिए वरदान बन रहा है और उनकी मदद कर रहा है।

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