प्रखंड मुख्यालय में अधिकारियों की अनुपस्थिति, सरकारी आवास खंडहर में तब्दील, जनता परेशान
रामपुर प्रखंड में अधिकारियों के मुख्यालय में न रहने से सरकारी आवास जर्जर हो गए हैं। अधिकारी जिला मुख्यालय में रहते हैं जिससे कार्यालय समय पर नहीं खुलता और लोगों को परेशानी होती है। पहले अधिकारी कार्यालय में काम करने के बाद मुख्यालय छोड़ते थे जिससे जनता को सुविधा होती थी लेकिन अब उदासीनता के कारण आवास खंडहर हो रहे हैं।

संवाद सूत्र, रामपुर। स्थानीय प्रखंड में पदस्थापित बीडीओ एवं सीओ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी प्रखंड मुख्यालय में नहीं रहते हैं। लंबे समय से किसी के नहीं रहने के कारण रखरखाव के अभाव में प्रखंड कार्यालय परिसर में बीडीओ सीओ सहित अन्य अधिकारियों व कर्मियों के रहने के लिए बने सरकारी आवास आज खंडहर में तब्दील हो गए हैं।
सरकारी आवास मवेशियों का बसेरा बना है। वहीं सरकारी आवास में लगे दरवाजे व खिड़की के चौखट पल्ला के बाद लोग अब ईंट भी ढ़ोने लगे हैं। लेकिन प्रखंड व अंचल प्रशासन के अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
एक ओर रखरखाव के अभाव में जहां प्रखंड कार्यालय परिसर में बने सरकारी आवास वजूद खो रहे हैं वहीं अधिकारी जिला मुख्यालय में किराए के मकान में रह रहे हैं। इस मद में मोटी सरकारी राशि खर्च की जा रही है।
यही नहीं जिला मुख्यालय से प्रतिदिन आने जाने में सरकारी वाहन का उपयोग किया जाता है। जिला मुख्यालय में रहने के चलते आए दिन कार्यालय समय पर नहीं खुलता तथा अधिकारी का कक्ष अक्सर खाली नजर आता है।
कभी कोर्ट में हाजिरी तो कभी जिला मुख्यालय में डीएम, डीडीसी सहित वरीय अधिकारियों की बैठक में शामिल होने के कारण अधिकारी प्रखंड कार्यालय नहीं पहुंच पाते। आते भी हैं तो दो तीन घंटा के बाद क्षेत्र का काम बता चले जाते हैं। इधर प्रखंड वासियों को किसी भी काम के लिए महीनों दौड़ना पड़ता है।
पहले कार्यालय में काम करने के बाद प्रखंड मुख्यालय छोड़ते थे अधिकारी
पंचायत जनप्रतिनिधि से लेकर क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों की मानें तो एक दशक पूर्व प्रखंड व अंचल कार्यालय में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहते थे। प्रखंड मुख्यालय में बने सरकारी आवास में रह रहे अधिकारी जिला मुख्यालय में जाने से पूर्व कार्यालय में बैठ कर काम किया करते थे।
इस दौरान दूर दराज से आने वाले लोगों को सहूलियत मिलती थी। जिला मुख्यालय से वापस लौटने के बाद भी वे लोग कार्यों का निष्पादन करते थे। यही कहीं काम की जरूरत को समझ कर आवास में बुलाकर भी काम कर देते थे।
अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज ये सभी भवन जर्जर हालत में है। अगर अधिकारी मुख्यालय में रहते तो शायद ये भवन इस हालत में नहीं पहुंचते।- घुरा सिंह यादव, प्रखंड प्रमुख
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