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    Covid-19 का मंड़रा रहा खतरा, भभुआ में तीनों ऑक्सीजन प्लांट बंद; स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अधिकारी का आया बयान

    Updated: Wed, 28 May 2025 10:05 AM (IST)

    देश में कोरोना के दोबारा आने से बिहार के कैमूर जिले में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है पर तैयारियां अधूरी हैं। भभुआ मोहनियां और रामगढ़ के ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं और आरटीपीसीआर केंद्र में जांच किट भी नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी करने के निर्देश दिए हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था करने में कठिनाई हो सकती है।

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    कोरोना का मंड़रा रहा खतरा, जिले के तीनों ऑक्सीजन प्लांट बंद

    जागरण संवाददाता, भभुआ। देश में कोरोना ने फिर दस्तक दे दी है। बिहार में भी कोरोना के मरीज मिल गए हैं। इसके बाद कैमूर जिले में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है, लेकिन अब तक तैयारी के नाम पर कुछ नहीं है।

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    वर्ष 2022-23 में सदर अस्पताल भभुआ, अनुमंडल अस्पताल मोहनियां व रामगढ़ में लगे क्रमश: पांच सौ, तीन सौ व दो सौ लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट कई महीने से बंद हैं।

    एंटी किट से कोरोना की जांच के बाद उसकी सत्यता को प्रमाणित करने के लिए सदर अस्पताल में बने आरटीपीसीआर केंद्र में वर्तमान समय में जांच किट उपलब्ध नहीं है।

    उधर, बीते दिन पटना में दो कोरोना पॉजिटिव के मिलने पर वीसी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी सिविल सर्जन को कोरोना को ध्यान में रखकर उसका सामना करने के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड, एंबुलेंस, चिकित्सक व दवा आदि की तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है।

    अफसर बोले- सतर्क रहने की आवश्यकता

    उन्होंने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता है। सदर अस्पताल में बीते वर्ष 2020-21 में बीस बेड के वार्ड को वर्तमान में आईसीयू बनाया गया है।

    बगल में स्थित एएनएम स्कूल में फिलवक्त पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। ऐसे में अचानक कोरोना के वायरस के फैलने पर व्यवस्था की तैयारी करने में अस्पताल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

    उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 में अचानक उत्पन्न हुई कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित लोगों की जांच व इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

    ऑक्सीजन के लिए प्रति एक वाहन औरंगाबाद जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने का कार्य करता था। एंटीजन से जांच के बाद उसके कन्फर्मेशन के लिए स्वाब मेडिकल कॉलेज सासाराम भेजना पड़ता था।

    हालांकि, इसके बाद सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना कराने के साथ सदर व अनुमंडल अस्पताल मोहनियां तथा रेफरल अस्पताल रामगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिया गया था।

    साथ ही कुछ लोगों को निजी एंबुलेंस भी अनुदान पर उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद कई बार प्लांट बंद हुए और बाद में तकनीशियन बुलाकर उसे चालू कराया गया। जिले में मांग के अनुरूप चिकित्सकों की भी कमी है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    कोरोना या किसी भी महामारी के आने पर मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज करने के लिए सदर व अनुमंडल अस्पताल में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। वैसे तो काफी संख्या में छोटे व बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर व वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। फिर तकनीकी कारणों से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों को सही करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है। उन्हें शीघ्र करा लिया जाएगा।  अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए समुचित दवा उपलब्ध है। जिले में चिकित्सकों की कमी है। इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी गई है।  विशेष परिस्थिति में चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था कर कार्य कराया जाएगा। एनटीपीसीआर जांच के लिए किट की मांग की गई है। जिले में अब तक कोरोना प्रभावित कोई मरीज नहीं मिला है।-डॉ . चंदेश्वरी रजक, सिविल सर्जन

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