कैमूर में भारतमाला में 2948 किसानों की अधिग्रहित हुई भूमि, मुआवजा नहीं लेने वालों की राशि न्यायालय में होगी जमा
कैमूर जिले में वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण जारी है। किसान फसल नष्ट होने से विरोध कर रहे हैं पर प्रशासन कब्जा कर रहा है। 52 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे के लिए 17 सौ एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है जिसमें से 24 किमी पर कब्जा हो चुका है। मुआवजा वितरण जारी है पर कुछ किसान आंदोलन कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भभुआ(कैमूर)। जिले के पांच अंचल चांद, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ व रामपुर से होकर भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल प्रशासन द्वारा अधिग्रहित भूमि में किसानों द्वारा लगाई गई धान की फसल को नष्ट कर कब्जा किया जा रहा है। इस कार्य में किसानों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन प्रशासन द्वारा समझा कर व कुछ जगहों पर सख्ती बरत कर कब्जा किया जा रहा है। यह कार्य अब लगातार हो रहा है। इससे अब प्रतिदिन कुछ भूमि पर कब्जा हो रहा है।
जिले में 52 किमी में बनेगी एक्सप्रेस-वे
कैमूर जिले में कुल 93 मौजा की 17 सौ एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है। जिले में 52 किमी लंबी एक्सप्रेस-वे निर्माण का कार्य होना है। जिसमें अब तक 24 किमी तक प्रशासन द्वारा कब्जा कर लिया गया है। एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए कुल 2948 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। जिसमें सर्किल रेट के आधार पर अब तक 202 किसानों का भुगतान हो चुका है। इन किसानों को 57 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि 505 किसानों के भुगतान का कार्य प्रक्रियाधीन है।
मुआवजा नहीं लेने वाले किसानों की राशि न्यायालय में होगी जमा
जिला भू-अर्जन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन किसानों द्वारा मुआवजा की राशि नहीं ली जाएगी उनकी राशि न्यायालय में जमा कर दी जाएगी। जिसे रैयतों को प्राप्त करने के लिए न्यायालय में जाना होगा। यह परियोजना एक अरब 95 करोड़ की है। जिसे 2024 में स्वीकृति मिली थी। किसानों को मुआवजा भुगतान करने के लिए भू-अर्जन विभाग की ओर से लगातार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें किसानों से आवश्यक कागजात जमा कराए जा रहे हैं। साथ ही कागजात में सुधार भी किया जा रहा है।
स्वीकृति के बाद से ही जिले में किसान कर रहे आंदोलन
भारतमाला परियोजना की स्वीकृति के बाद से कैमूर जिले के किसान आंदोलन करने लगे। उचित मुआवजा की मांग को लेकर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। अब भी किसान प्रशासन द्वारा किए जा रहे कब्जा का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन के मना करने के बाद भी किसानों ने अधिग्रहित भूमि पर धान की फसल लगा दी। इसके पूर्व किसानों के आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत व बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह तक का साथ मिला।
कुछ दिन पूर्व जिले के किसान पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करने गए थे। जिले के चैनपुर के विधायक सह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खां के नेतृत्व में किसानों ने सीएम से भी मुलाकात कर धान की फसल को फिलहाल नहीं रौंदने की मांग की। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन कब्जा का कार्य किया जा रहा है।
कहते हैं पदाधिकारी
कब्जा की प्रक्रिया चल रही है। जिन रैयतों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है उन्हें शीघ्र ही भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। जो नहीं लेंगे उनका मुआवजा न्यायालय में जमा कर दिया जाएगा। नियमानुसार रैयतों का भुगतान हो रहा है।
टेशलाल सिंह, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी
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