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    जन्म के पहले घंटे में ऑक्सीजन की कमी से नवजात को होती है गंभीर समस्या

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jan 2020 06:00 PM (IST)

    कुल नवजात मौतों में 23 प्रतिशत मृत्यु बर्थ एस्फिक्सिया से - बर्थ एस्फिक्सिया से नवजात हो सकता है शारीरिक एवं मानसिक अपंग जासं भभुआ जन्म का पहला घंटा नवजात के लिए महत्वपूर्ण होता है। जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने से बच्चे को गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। गंभीर हालातों में बच्चे की जान भी जा सकती है। जिसे चिकित्सकीय

    जन्म के पहले घंटे में ऑक्सीजन की कमी से नवजात को होती है गंभीर समस्या

    जन्म का पहला घंटा नवजात के लिए महत्वपूर्ण होता है। जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने से बच्चे को गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। गंभीर हालातों में बच्चे की जान भी जा सकती है। जिसे चिकित्सकीय भाषा में बर्थ एस्फिक्सिया कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में कुल नवजातों की मौतों में 23 प्रतिशत मृत्यु सिर्फ बर्थ एस्फिक्सिया से होती है। इसलिए गृह प्रसव की जगह संस्थागत प्रसव की सलाह दी जाती है ताकि बर्थ एस्फिक्सिया की स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में नवजात को उचित इलाज प्रदान कराई जा सके। माता की स्वास्थ्य जटिलता भी बन सकती है कारण: स्टेट रिसोर्स यूनिट के बाल स्वास्थ्य टीम लीड डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया कि बर्थ एस्फिक्सिया से नवजात में ऑक्सीजन की अचानक कमी हो जाती है। जिससे बच्चा सही तरीके से सांस नहीं ले पाता है। सही समय पर नवजात को उचित देखभाल नहीं मिलने पर इससे नवजात की जान भी जाने का ़खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि बर्थ एस्फिक्सिया के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें प्रसव के बाद नवजात की स्वास्थ्य जटिलता के साथ प्रसव के दौरान माता की स्वास्थ्य जटिलता भी कारण बन सकती है। प्रसव के लिए ऑक्सीटोसिन का अवांछित उपयोग एक महत्वपूर्ण कारण है। सीएस डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि मां से प्लेसेंटा में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने से भी बर्थ एस्फिक्सिया की संभावना रहती है। मां का एनीमिक होना, मातृ संक्रमण, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह जैसी समस्याएं मां से प्लेसेंटा में ऑक्सीजन की सप्लाई को बाधित करता है। बर्थ एस्फिक्सिया से नवजात को हो सकते हैं ये ़खतरे: मानसिक अपंगता मानसिक विकास में देरी मंदबुद्धि का होना शारीरिक अपंगता गंभीर हालातों में नवजात की मृत्यु बचाव को अपनाए ये तरीके: नियमित देखभाल गर्भनाल को सूखा रखें नवजात को गर्मी प्रदान करने के लिए मां की छाती से चिपका कर रखें कमरे में शुद्ध हवा आने दें एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू कराएं।

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