कैमूर में डीएम–एसपी समेत सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति होगी सार्वजनिक
कैमूर जिले में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सं ...और पढ़ें

डीएम–एसपी समेत सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति होगी सार्वजनिक
जागरण संवाददाता, भभुआ। जिले में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत जिले के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की चल एवं अचल संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया जाएगा। इसको लेकर जिलाधिकारी ने जिले के सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों (डीडीओ) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार के समूह ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ श्रेणी के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति तथा दायित्वों का विवरण निर्धारित प्रपत्र में देना अनिवार्य होगा। सभी डीडीओ को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने कार्यालयों के पदाधिकारियों और कर्मियों की सूची निर्धारित प्रारूप में तैयार करें और उसे सॉफ्टवेयर में पंजीकृत कराएं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि संपत्ति का विवरण पूरी तरह त्रुटिरहित और संबंधित पदाधिकारी या कर्मचारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित होना चाहिए। संपत्ति विवरणी को स्कैन कर हस्ताक्षरित पीडीएफ फार्मेट में तैयार किया जाएगा। प्रत्येक कार्यालय को दो प्रतियों की सीडी के साथ निर्धारित चेकलिस्ट और प्रमाण पत्र संलग्न कर मिशन कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि संपत्ति विवरण केवल स्कैन एवं साइन किए गए पीडीएफ फार्मेट में ही स्वीकार किया जाएगा। एमएस वर्ड या किसी अन्य फार्मेट में भेजे गए विवरण मान्य नहीं होंगे। संपत्ति विवरणी के प्रत्येक पृष्ठ पर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे।
इसके बाद सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति से संबंधित जानकारी जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी, ताकि आम लोग भी इसे देख सकें। डीडीओ को यह घोषणा पत्र भी देना होगा कि उनके कार्यालय का कोई भी पदाधिकारी या कर्मचारी संपत्ति विवरण देने से शेष नहीं है।
इसके साथ ही सभी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि पिछले वर्ष की सूची को कर्मियों के नियोजन, स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति के आधार पर अद्यतन किया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी पूरी तरह सही और अद्यतन रहे। प्रशासन का मानना है कि इस पहल से पारदर्शिता बढ़ेगी और जनविश्वास मजबूत होगा।

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