वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे पर आया बड़ा अपडेट, जमीन मालिकों को नोटिस जारी; मिलेगा दोगुना मुआवजा
कैमूर जिले में भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 5 और गांवों के संशोधित अवार्ड को मंजूरी मिली है। आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेशानुसार रैयतों को दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि सभी 52 राजस्व ग्रामों के रैयतों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
जागरण संवाददाता, भभुआ। भारत सरकार की बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर कैमूर जिले में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक एवं विधिक प्रगति दर्ज की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जिले के अंतर्गत आने वाले पांच और राजस्व ग्रामों (मौजों) के संशोधित पंचाट (अवार्ड) को स्वीकृति दे दी गई है।
यह मंजूरी आर्बिट्रेटर न्यायालय के निर्णय के आलोक में दी गई है। जिससे अब इन ग्रामों के संबंधित रैयतों को दोगुना मुआवजा दिए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इन मौजाें में करियारा,बीयर, कुरई, दुबौली और पाली शामिल हैं।
बता दें कि इससे पूर्व एनएचएआई द्वारा 47 राजस्व ग्रामों के लिए संशोधित अवार्ड की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी थी। जिनमें से अधिकांश मामलों में भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। अब तक लगभग 18 करोड़ की राशि विभिन्न रैयतों के बैंक खातों में भेजी जा चुकी है। इन पांच मौजों की स्वीकृति के बाद अब कुल 52 राजस्व ग्रामों के संशोधित पंचाट को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि सभी 52 राजस्व ग्रामों के रैयतों को नोटिस जारी कर दिया गया है। इन नोटिसों को अंचल कार्यालयों एवं स्थानीय थाना के माध्यम से वितरित कराया जा रहा है। जो रैयत किसी कारणवश नोटिस प्राप्त नहीं कर सके हैं, वे सीधे जिला भू-अर्जन कार्यालय में उपस्थित होकर नोटिस प्राप्त कर सकते हैं।
नोटिस प्राप्त करने के उपरांत, रैयतों को यह निर्देशित किया गया है कि वे राजस्व अभिलेख, खतियान, नक्शा, रसीद इत्यादि आवश्यक दस्तावेजों के साथ कार्यालय में आवेदन करें। इसके बाद संबंधित अमीन द्वारा भूमि की नापी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे अंचलाधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
इसके आधार पर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। रैयतों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए डीएम के निर्देशानुसार आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेश की सत्यापित प्रति भी जिला भू-अर्जन कार्यालय से ही प्रदान की जा रही है, ताकि रैयतों को पटना जाकर कोई कार्य न करना पड़े।
जिन रैयतों ने अभी तक आर्बिट्रेटर न्यायालय में आवेदन नहीं किया है, उनके लिए भी विकल्प खुला है। वे भू-अर्जन कार्यालय में अपने दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं। इन आवेदनों का निष्पादन विशेष कैंप कोर्ट के माध्यम से शीघ्र किया जाएगा, जिससे अधिकाधिक रैयतों को लाभ मिल सके। प्र
शासन ने प्रत्येक अंचल में अमीनों की प्रतिनियुक्ति कर दी है। जिन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रैयतों की अधिग्रहीत भूमि की मापी प्रक्रिया को त्वरित रूप से पूर्ण करें और निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
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