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    Varanasi Kolkata Expressway: किसानों ने भारत माला परियोजना का काम रोका, एक जिला-एक मुआवजे की डिमांड

    कैमूर में किसानों ने भारत माला परियोजना के निर्माण कार्य को बाधित कर दिया। उन्होंने प्रशासन द्वारा धान की फसल रौंदने के प्रयास को विफल किया और उचित मुआवजे की मांग की। किसानों का कहना है कि परियोजना में असमान मुआवजा दिया जा रहा है जिसका वे विरोध कर रहे हैं। वे एक जिला एक परियोजना एक भूमि एक मुआवजा की मांग कर रहे हैं।

    By Abhimanyu Singh (Chand) Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 20 Aug 2025 05:48 PM (IST)
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    आक्रोशित किसानों ने भारत माला परियोजना के कार्य को रोका

    संवाद सूत्र, चांद। जिला प्रशासन के द्वारा किसानों की धान की फसल को बुधवार को रौंदने का प्रयास सफल नहीं हो पाया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित किसानों ने बिना डरे भारत माला परियोजना बनारस रांची टू कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को रोक दिया।

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    मंगलवार को जिला प्रशासन के द्वारा पुलिस बल की ताकत का प्रयोग कर किसानों के साथ मारपीट कर जबरदस्ती धान की फसल को रौंद दिया गया। मंगलवार को किसानों ने रोकने का प्रयास किया। किसानों को पकड़ कर पुलिस ले गई।

    बुधवार को बिरना करवंदिया गांव में किसानों ने जाकर भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को रोक दिया। सुबह नौ बजे किसान बिरना करवंदिया पहुंचने लगे। धीरे-धीरे 10:30 बजे तक सैकड़ों किसान उपस्थित हो गए।

    11:30 बजे अनुमंडल पदाधिकारी भभुआ ने पुलिस बल को लेकर किसानों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन किसान धान के खेत में लेट गए। इसके बाद पूरे दिन किसान पुलिस बल आमने-सामने बैठे हुए थे। खबर लिखे जाने तक भारत माला परियोजना बनारस रांची टू कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।

    बता दें कि मंगलवार को प्रशासन ने सिहोरा बिरना करवंदिया गांव की 50 एकड़ धान की फसल को जेसीबी मशीन से रौंद दिया। अपनी धान की फसल बचाने का प्रयास कर रहे किसानों के साथ मारपीट की गई और रामाकांत सिंह, अरविंद सिंह, सुरेंद्र सिंह, अरुण सिंह, करवंदिया, प्रदीप यादव, बिरना को गिरफ्तार कर लिया गया। रात्रि दस बजे बेल बाउंड भरवाकर चारों किसानों को छोड़ा गया।

    उचित मुआवजे की मांग

    किसान एक जिला, एक परियोजना, एक भूमि, प्रकृति, एक मुआवजा की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि एक परियोजना में समान मुआवजा मिलना चाहिए। भारत माला परियोजना में सींवों गांव में किसानों को अधिक और अन्य किसानों को 28 लाख रुपये के आसपास मुआवजा दिया जा रहा है। भारत माला परियोजना के विरोध का मुख्य कारण मुआवजा की असमानता है।

    विमलेश पांडेय, अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने कहा कि बिना मुआवजा दिए किसानों की फसल रौंदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का रवैया तानाशाही है। किसान मरते दम तक उचित मुआवजा की मांग करते रहेंगे।

    सचिव अनिल सिंह, अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर, अभिमन्यु सिंह ने कहा कि देश के अन्नदाता को परेशान किया जा रहा है। किसान पिछले तीन सालों से उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं।

    उल्लेखनीय है कि भारत माला परियोजना बनारस रांची टू कोलकाता एक्सप्रेस-वे के लिए कैमूर जिले में 93 मौजा की हजारों एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है। धरना में टुनटुन सिंह, श्याम सुन्दर सिंह, अरविंद सिंह, गज्जन सिंह, संजय बिंद, भुपेंद्र सिंह, चंद्रजीत यादव, तिलेश्वर दुबे, मंशा सिंह, अवधेश कुमार आदि किसान उपस्थित थे।